टोक्यो। भारत के कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक में पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन स्पर्धा एसएच-6 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने फाइनल मुकाबले में हांगकांग के खिलाड़ी काई मैन चु को 2-1 से शिकस्त दी। जयपुर के 22 साल के नागर ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 21-17 16-21 21-17 से शिकस्त दी।
इस तरह यह दूसरा वरीय खिलाड़ी बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने की सूची में हमवतन प्रमोद भगत के साथ शामिल हो गया। भगत ने शनिवार को एसएल3 क्लास में पहला स्वर्ण पदक जीता था। कृष्णा नागर भारत को पांचवां स्वर्ण पदक जिताने में सफल रहे। इसके साथ ही टोक्यो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 19 हो गई।
कृष्णा नागर की जीत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। राष्ट्रपति ने लिखा है कि कृष्णा नागर का ऐतिहासिक प्रदर्शन। आपने स्वर्ण पदक जीतकर अपनी योग्यता को साबित किया और पैरालंपिक में तिरंगे का मान बढ़ाया है। लाखों भारतीयों के लिए आप प्रेरणा हैं, जीत की बधाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कृष्णा नागर की जीत पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है- टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंडन खिलाड़ियों का श्रेष्ठ प्रदर्शन देखकर खुश हूं। करोड़ों भारतीयों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए यह असाधारण कदम है। स्वर्ण पदक जीतने के लिए आपको बधाई।
President Ram Nath Kovind says “historic performance” by para-badminton player Krishna Nagar
“Happy to see our Badminton players excel at the #TokyoParalympics,” says PM Narendra Modi
India has won 19 medals at Paralympic Games 2020 so far pic.twitter.com/8JWDkA9mY9
— ANI (@ANI) September 5, 2021
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जताई है। सीएम ने ट्वीट कर कहा कि यह खुशी की बात है कि राजस्थान के खिलाड़ी कृष्णा नागर ने बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता है। इस उपलब्धि से हम सभी गौरवांवित हुए हैं। उन्हें बहुत-बहुत बधाई।
इस उपलब्धि के बाद उनके कोच यादवेंद्र का बयान आया है। यादवेंद्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि मेरे लिए शिक्षक दिवस का इससे बड़ा तोहफा कुछ और नहीं हो सकता। मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के खेल मंत्री को धन्यवाद कहना चाहूंगा। उन्होंने हमें प्रोत्साहित किया और काफी सहयोग किया। कृष्णा नागर के पिता सुनील नागर ने कहा कि हमारी खुशी को कोई ठिकाना नहीं है, देश के लिए यह गर्व की बात है कि उसने गोल्ड अपने नाम किया।
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