नई दिल्ली(New Delhi) । लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) के नतीजे आने के बाद एनडीए की सरकार(The NDA government) बनाने की चल रही तैयारियों के बीच फरीदाबाद से जीते कृष्णपाल गुर्जर (Krishan Pal Gurjar won from Faridabad)की तीसरी बार मंत्री बनने की अटकलें (Speculation)लगाई जा रही हैं। दक्षिण हरियाणा में सबसे बड़ी जीत, गुर्जर बिरादरी और भाजपा के पुराने सिपाही होना उनकी मंत्री बनने की दावेदारी मजबूत कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नजदीकियां भी उनके पक्ष में जाता है।
सूत्रों के मुताबिक चुनाव जीतने के बाद से गुर्जर को पार्टी हाईकमान के नेता रोजाना दिल्ली बुला रहे हैं। सरकार के गठन को चल रहे मंथन में उनकी उपस्थित दर्ज हो रही है। बुधवार सुबह ही मोदी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया। तब से लेकर उनका दिल्ली जाने का सिलसिला जारी है। जानकारों का कहना है कि बार-बार बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुलाने का सीधा मकसद नई सरकार में मंत्री बनाने की तरफ इशारा करता है। हालांकि, पक्के तौर कुछ नहीं कहा जा सकता।
प्रदेश अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके
गुर्जर भाजपा के पुराने सिपाही हैं। शुरू से ही भाजपा में रहे। वर्ष 1996 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने। तब से लेकर अब तक गुर्जर ने कभी भाजपा का दामन नही छोड़ा। हरियाणा में परिवहन मंत्री रहे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। इसके अलावा मोदी के साथ उनकी काफी नजदीकियां हैं। खुद मोदी अनेक बार जनसभाओं में यह बात सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं। अगल बात है इसमें सच्चाई कितनी है, लेकिन जब भी फरीदाबाद आए तो मोदी ने उपरोक्त बात हर बार दोहराई। गुरुग्राम से राव इंद्रजीत सिंह पहले कांग्रेस में रहे हैं। इस बार कम मार्जन से भी उनकी जीत हुई है।
दक्षिण हरियाणा में बड़ी जीत से दावेदारी हुई मजबूत
राजनीति के जानकारों का कहना है कि भाजपा को शहरी क्षेत्र के मत भरपूर मिले हैं, जिनके बूते पार्टी के उम्मीदवारों को जीत मिली। इसलिए भाजपा के लिए एनसीआर में आने वाले दक्षिण हरियाणा को मंत्रिमंडल में जगह देना जरूरी हो जाता है ताकि शहरी क्षेत्र के लोगों का सरकार में प्रतिनिधित्व मिल सके। यही वजह रही कि गुरुगाम से राव राव इंद्रजीत और फरीदाबाद से गुर्जर को मंत्री बनाया जाता रहा।
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