उज्जैन। लम्बे समय से चल रही मांग के बाद शहर में कोविड की पेड आयसीयू के लिए शहर के 13 नर्सिंग होम संचालक रविवार शाम को एक साथ बैठने जा रहे हैं। ये सीएमएचओ के साथ बैठ चुके हैं। अब स्वयं बैठकर तय करेंगे कि कोविड मरीज उनके यहां भर्ती होता है तो उससे कितना पैमेंट लिया जाए? हालांकि प्रशासन का दबाव रहेगा कि एक जैसी सुविधा का एक जैसा भुगतान लिया जाए।
डॉ.खण्डेलवाल के अनुसार शहर में 13 हॉस्पिटल/नर्सिंग होम संचालित हैं। इनमें से 10 के संचालक शामिल हुए। उन्होंने सभी को निर्देश दिए कि कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर प्रशासन ने तय किया है कि शहर के सभी प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम अपने यहां एक-एक आयसोलेशन वार्ड बनाए। इस वार्ड में कम से कम 5 आयसीयू बेड की व्यवस्था करे। जिसके तहत सेंट्रल ऑक्सीजन, बायपेप मशीन, वेंटीलेटर सहित अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक उपकरण शामिल रहे। यहां स्वयं के व्यय से उपचार करवाने वाले लोगों से रूपये भी तय सीमा में लिए जाएं, ताकि लोग यह आरोप न लगाए कि लूटपाट हो रही है। मैंने प्रशासन के निर्देश पर तीन दिन का समय दिया है। तीन दिन में सभी संचालक तय करके बताएंगे कि कब से शुरूआत कर रहे हैं तथा क्या फीस रहेगी?
हम आज शाम को कर रहे हैं बैठक: डॉ.देसाई
शहर के प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.चिराग देसाई से जब चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि संचालकों को सीएमएचओ ने बुलवाया था। प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों से अवगत करवाया था। हम कल रात्रि में बैठनेवाले थे, लेकिन किसी कारण से बैठक टल गई। आज शाम को बैठक होगी। इस बैठक में सभी प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम तय करेंगे कि किसप्रकार से आयसोलेशन वार्ड एवं आयसीयू डेव्हलप की जाए। हमारे सामने कुछ समस्याएं भी हैं। इन सभी पर विचार होगा। इसके बाद सीएमएचओ को हम जानकारी देंगे।
इनका कहना है…
जे के हास्पिटल के संचालक डॉ.कात्यायन मिश्र के अनुसार कोविड बीमारी आनेवाले समय में कॉमन हो जाएगी। ऐसे में हर प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम को अपने यहां इसकी एक यूनिट स्थापित करना ही होगी। प्रशासन ने निर्देश दिए हैं,जिसका पालन करेंगे। शुल्क को लेकर सभी बैठनेवाले हैं,बैठक करके तय करेंगे।
* संजीवनी हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ.राजेंद्र बंसल ने बताया कि कोविड बीमारी के लिए आयसोलेशन वार्ड एवं आयसीयू सभी प्रायवेट हॉस्पिटल/नर्सिंग होम में बनाने के निर्देश का हम पालन करेंगे। वैसे भी अनेक लोग उपचार करवाने के लिए पूछताछ करते हैं,लेकिन प्रशासन द्वारा तय जगह पर ही उपचार सुविधा होने से मरीज इंदौर जा रहे हैं।
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