नई दिल्ली/संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की महामारी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 के दौरान 5.9 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास दर अगले साल पटरी पर लौट सकती है।
संयुक्त राष्ट्र की जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी संकुचन के चलते स्थाई रूप से आय में कमी होने की आशंका है। अंकटाड की ‘व्यापार एवं विकास रिपोर्ट 2020’ में मंगलवार को कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गहरी मंदी का सामना कर रही है। क्योंकि, कोरोना महामारी पर अभी तक नियंत्रण नहीं हो पाया है।
व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) की जारी इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.3 फीसदी की कमी होगी। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की गंभीर तस्वीर को खींचते हुए अंकटाड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ब्राजील, भारत और मैक्सिको की अर्थव्यवस्थाओं के पूरी तरह ढह जाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था जूझ रही है। घरेलू गतिविधों के सिकुड़ने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर हो रहा है। इस साल व्यापार करीब 20 फीसदी घट जाएगा। वहीं, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में लगभग 40 फीसदी और विदेश से धन-प्रेषण में 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमी आएगी।
सख्त लॉकडाउन से गिरी विकास दर
संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का अनुमान है कि वर्ष 2020 के दौरान दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था में 4.8 फीसदी की कमी आएगी और अगले साल ये 3.9 फीसदी रह सकता है। इसी तरह वर्ष 2020 के दौरान भारत की जीडीपी में 5.9 फीसदी की कमी का अनुमान जताया गया है, जबकि अगले साल ये 3.9 फीसदी रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सख्त लॉकडाउन के चलते भारत 2020 में मंदी की गिरफ्त में रहेगा। हालांकि, वर्ष 2021 के दौरान इसमें सुधार की उम्मीद जताई गई है। (एजेंसी, हि.स.)
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