कोलकाता। कोरोनावायरस की वजह से दुनिया भर के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। इसका असर विज्ञापन उद्योग पर भी पड़ा है। मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से “वर्तमान परिदृश्य में विज्ञापन की जरूरत,चुनौतियां और संभावनाओं” को लेकर एक वेबीनार में वक्ताओं ने इसकी संभावनाएं और चुनौतियां पर विस्तार से प्रकाश डाला है।
लो लिंटस के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर सागर कपूर ने कहा कि कोरोना के समय जब पूरे देश में लॉकडाउन लग गया और लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया तब विज्ञापन उद्योग को लगा कि आम लोगों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए मौजूदा प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है। आज के डिजिटल युग के साथ तालमेल की जरूरत भी महसूस हुई। सच्चाई यह है कि कोरोना के समय में विज्ञापन उद्योग को काफी नुकसान हुआ।
उन्होंने यह भी बताया कि संकट के समय लोगों के लिए विज्ञापन को आकर्षक बनाने के लिए उसमें भावनात्मक टच देना पड़ा ताकि लोग उससे जुड़ सकें। विज्ञापन सलाहकार सोनल देवराज ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब वैश्विक महामारी ने सभी को एक साथ कर दिया है। ऐसे समय में उद्योग जगत और उत्पादकों को लोगों से जुड़ने के लिए अपनेपन से भरे विज्ञापन क्रिएट करने की जरूरत पड़ी।
क्रोम पिक्चर्स के सह संस्थापक हेमंत भंडारी ने कहा कि हमें अब लोगों के घर तक पहुंचने के लिए डिजिटल जुड़ाव की जरूरत पड़ी है। फोटोग्राफी एडवरटाइजिंग एंड फिल्म्स के निदेशक तुषार बसु ने कहा कि कोरोना संकट उद्योग जगत को यह सिखा गया कि उन्हें और अधिक सामाजिक बनने की जरूरत है ताकि लोग खुद को उससे जुड़ा हुआ महसूस करें। इसीलिए विज्ञापन उद्योग के तौर-तरीके भी बदले गए। (एजेन्सी, हि.स.)
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