कोटा। बूंदी जिले की सीमा पर गोठड़ा कला गांव के नजदीक चंबल नदी में एक नाव आज पलट गई। इस नाव में करीब 25 से 30 लोग सवार थे। इसके अलावा इसमें कुछ सामान और वाहन भी रखे हुए थे। यह लोग नाव के जरिए कमलेश्वर धाम बूंदी एरिया में जा रहे थे। अचानक से जब नाव पलट गई तो, इसमें सवार महिलाएं बच्चे और लोग नदी में डूबने लग गए। नाव पलटने से करीब 10 से 12 लोग डूबने की सूचना है। जिनमें से 7 शवों को निकाला जा चुका है। इनमें 2 महिला और 4 पुरुष हैं।
कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी के अनुसार पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और पुलिस ने 14 लोगों की ऐसी सूची बना ली है जो चंबल नदी में मिसिंग है। अब यह देखना है कि यह लोग चंबल नदी में डूब गए हैं या फिर नदी के उस पार पहुंच गए हैं। उसके अलावा एक व्यक्ति की लाश भी चंबल नदी से निकाली जा चुकी है, जिसकी पहचान करवाई जा रही है। साथ ही एसपी चौधरी का कहना है कि 15 लोग ऐसे थे जिनको नदी में से निकाल लिया गया है, जो कि इस डूबने वाली नाव में सवार थे।
एसपी चौधरी का यह भी कहना है कि उन्होंने आसपास के थानों के जाब्ते को भी मौके पर भिजवाया है। इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच रही है, जो कि रेस्क्यू और चंबल नदी में डूबे हुए लोगों की तलाश में जुट गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार डूबने वाले लोगों में अधिकांश बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल है, जो कि तैरना नहीं जानती थी और गहरे पानी के चलते नदी में ही बह गई है।
घटना सुबह 9:00 बजे की बताई जा रही है। इस संबंध में लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने भी चिंता जताई है लोकसभा सचिवालय ने जिला प्रशासन से इस संबंध में संपर्क साधा और कोटा से एसडीआरएफ टीम को मौके के लिए रवाना करवाया। नाव डूबने के बाद पूरे इलाके में कोहराम मच गया। महिलाएं और बच्चे बचाने के लिए चिल्लाने लगे। साथ ही अपने आप को डूबने से बचाने के लिए भी नदी में संघर्ष करते रहे। हालांकि वहां पर किसी भी तरह की कोई सुविधा मौजूद नहीं थी। इसके अलावा उन महिलाओं और बच्चों को किनारे तक लाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार माना जा रहा है, क्योंकि इस तरह से अवैध रूप से नावों का संचालन तो किया जा रहा है, लेकिन किसी भी प्रकार हादसे से बचाव के लिए कोई उपकरण या टीम वहां पर तैनात नहीं है।
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