मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने अपने पद से हटने की इच्छा जताई है. वह अपना शेष जीवन पढ़ने और लिखने में बिताना चाहते हैं. इस चीज को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को अवगत करा दिया है. राज्यपाल कोश्यारी ने सोमवार को राजभवन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति (Press release) के माध्यम से यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि वे सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों (all political responsibilities) से मुक्त होना चाहते हैं.
इसके साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ट्वीट कर कहा, ” प्रधानमंत्री मोदी की हाल की मुंबई यात्रा के दौरान, मैंने उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने और पढ़ने, लिखने और अन्य गतिविधियों में अपना शेष जीवन व्यतीत करने की इच्छा व्यक्त की है.” राज्यपाल कोश्यारी ने मराठी में ट्वीट करते हुए कहा कि महाराष्ट्र जैसे संतों, समाज सुधारकों और वीरों की महान भूमि का राज्यपाल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी.
प्रदेश की जनता से तीन वर्ष से अधिक समय तक मिले प्यार और स्नेह को कभी भुलाया नहीं जा सकता. बता दें कि कोश्यारी 2019 के राज्य चुनावों के बाद राजभवन में देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के सुबह-सुबह शपथ समारोह आयोजित करने के अपने फैसले के बाद से विवादों में रहे थे.
इसके बाद भी कोश्यारी सिंह के अन्य विवाद चर्चा में रहे हैं. इनमें से सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले के खिलाफ उनके बयान और राज्य विधानमंडल के लिए तत्कालीन एमवीए सरकार द्वारा नामित 12 एमएलसी की सूची को स्वीकार करने से इनकार करने से सुर्खियां बनी थीं. कोश्यारी सिंह की टिप्पणी कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के प्रतीक हैं ने राज्यव्यापी विरोध शुरू कर दिया था.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने आरोप लगाया था कि उन्होंने महाराष्ट्र के आइकन का अपमान किया है और “मराठी मानुस” के खिलाफ हैं. उन्हें पक्षपाती करार देते हुए विपक्ष ने पिछले महीने कोश्यारी के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें मांग की गई थी कि उन्हें राज्यपाल के पद से हटा दिया जाए.
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