जैसलमेर। भारतीय सेना (Indian Army) की कोणार्क कोर (Konark core) ने शुक्रवार को अपना चौतीसवां स्थापना दिवस’ मनाया। कार्यक्रम कोर के वर्षों से प्रदर्शित ‘सम्मान’, ‘वीरता’ और ‘बलिदान’ की शानदार गाथा पर आधारित है। इस अवसर पर, मेजर जनरल अमित लूम्बा, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय ट्वेल्व कोर ने एक सम्मान समारोह में कोणार्क वार मेमोरियल, जोधपुर सैन्य स्टेशन पर माल्यार्पण किया। यह सम्मान समारोह उन शहीदों की श्रद्धेय स्मृति में आयोजित किया गया, जिन्होंने विभिन्न लड़ाइयों में हमारे महान राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया। डिफेंस पीआरओ (PRO) लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि चौतीस साल पहले महाशिवरात्रि के शुभ दिन, भारतीय सेना के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ा गया था, जब राजस्थान और गुजरात से लगी हुयी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए डेजर्ट कोर अस्तित्व में आया। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के कारण, जोधपुर को मुख्यालय के रूप में चुना गया। कोर ने कोणार्क (Konark core) को अपने प्रतीक के रूप अपनाया जो सूर्य की किरणों के चहुँ ओर प्रकाश के उत्सर्जन का प्रतीक है। यह प्रतीक पुरी के कोणार्क सूर्य मंदिर से प्रेरणा प्राप्त करता है जिससे इसका सूर्यनगरी के साथ एक आध्यात्मिक सम्बन्ध स्थापित होता है। जैसा कि भारतीय सेना नवीनतम वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से उबरने के लिए खुद को तैयार रखती है, कोणार्क कोर हमेशा सूक्ष्म व्यावसायिकता, निरंतर मेहनत और समर्पण के माध्यम से अपनी परिचालन तत्परता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है। एजेंसी