कोलकाता. कोलकाता (Kolkata) रेप-मर्डर मामले में नया अपडेट आया है. क्राइम (Crime) वाली जगह आरजी कर हॉस्पिटल (RG Kar Hospital) में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई (CBI) की टीम अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष (Former Principal Dr. Sandeep Ghosh) के घर पहुंची. इसके अलावा, चार और ठिकानों पर भी सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच पहुंची है, जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी के डेमोस्ट्रेटर डॉ. देबाशीष सोम का घर भी शामिल है.
सीबीआई की एक टीम डॉ. संदीप घोष के आवास पर पहुंची, दूसरी टीम आरजी कर में फोरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. देबाशीष सोम के आवास पर और तीसरी टीम आरजी कर अस्पताल के पूर्व एमएसवीपी संजय वशिष्ठ के आवास पर पहुंची है. सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रशासनिक ब्लॉक में पहुंची.
अस्पताल के पूर्व उप-अधीक्षक अख्तर अली ने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के संबंध में डॉ. देबाशीष सोम का नाम लेते हुए शिकायत दर्ज कराई है.
मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट जेल में ही किया जाएगा, जहां वो 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है. बाकी छह लोगों का टेस्ट सीबीआई के दफ्तर में किया जा रहा है. संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट इसलिए जरूरी है, क्योंकि वो इस केस का मुख्य आरोपी है. उससे जानना है कि शक के मुताबिक कब कैसे वारदात को अंजाम दिया, क्या उसके साथ कोई और भी शामिल था. पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष शुरू से शक के घेरे में है. उनसे नौवें दिन भी सवाल हो रहे हैं. अबतक 100 घंटे से ज्यादा की उनसे पूछताछ हो चुकी है.
पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर निर्देश
एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई हाई कोर्ट के निर्देश पर की गई है, जिसने जांच को राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से एजेंसी को स्थानांतरित कर दिया था. सीबीआई ने शनिवार को एसआईटी से आवश्यक दस्तावेज एकत्र किए और एफआईआर को फिर से दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. हाई कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर निर्देश जारी किए थे, जिन्होंने संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुए करप्शन की ईडी से जांच का अनुरोध किया था.
कोलकाता कांड की गुत्थियां सुलझाने मे लगी CBI
इस मामले में बाकी चार जूनियर डॉक्टरों का टेस्ट इसिलए क्योंकि वो उस रात मौके पर थे. वो इस केस से जुड़ा बड़ा सच और असलियत बता सकते हैं. पीड़िता लेडी डॉक्टर ने वारदात से पहले रात में इनके साथ खाना खाया था. उस रात क्या हुआ उस पर वो रोशनी डाल सकते हैं. एक वालंटियर का टेस्ट इसलिए कराया गया, क्योंकि उसके पास काफी कुछ जानकारी है. सीबीआई लगातार कोलकाता रेप कांड की गुत्थियों को सुलझाने मे लगी है, लेकिन अब तक एक आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी के सिवाय किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. सीबीआई क्राइम सीन के रीक्रिएशन के अलावा तमाम तरीके आजमा चुकी है. दर्जनों लोगों से लगातार पूछताछ हो रही है.
कब और कैसे हुई ये खौफनाक वारदात
ये खौफनाक वारदात 8-9 अगस्त की रात की है, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज से ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी. इस डॉक्टर की उम्र 31 वर्ष थी, जो उस दिन तीन और डॉक्टर्स के साथ नाइट ड्यूटी पर थी. इनमें दो डॉक्टर चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट थे, एक ट्रेनी थी. एक कर्मचारी अस्पताल के हाउस स्टाफ से था. उस रात को इन सभी डॉक्टर्स और कर्मचारियों ने साथ में खाना खाया था.
इसके बाद महिला डॉक्टर रात को करीब दो बजे सोने के लिए अस्पताल के सेमिनार हॉल में चली गई. इसके बाद संजय रॉय पीछे के रास्ते से इस सेमिनार हॉल में आया और पहले उसने इस लड़की की निर्ममता से हत्या की और फिर उसका रेप किया. सबसे बड़ी बात ये है कि ये आरोपी ना तो अस्पताल के स्टाफ से था, ना ही किसी मरीज का कोई रिश्तेदार था. वो कोलकाता पुलिस के लिए सिविक वांलटियर का काम करता था.
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