नई दिल्ली: कोलकाता में डॉक्टर से रेप (doctor raped in kolkata) कर हत्या मामले में नया मोड़ आ गया है. आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital) में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का मामला अभी तक नहीं सुलझा है. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को छोड़कर और किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. इस बीच डॉक्टर की मौत को लेकर पूछताछ में लगातार विसंगतियां सामने आ रही हैं. ट्रेनी डॉक्टर की मौत के बाद श्मशान घाट से दिए गये डेथ सर्टिफिकेट ने अब नया विवाद खड़ा कर दिया है.
9 अगस्त की सुबह आरजी कर के सेमिनार रूम से डॉक्टर का शव बरामद किया गया था. शाम को खबर उनके परिवार तक पहुंची. पुलिस मौके पर गयी, तब तक आरजी कर के जूनियर डॉक्टरों ने विरोध शुरू कर दिया. फोरेंसिक जांच के बाद उसी दिन पीड़िता का पोस्टमार्टम किया गया. फिर रात में शव माता-पिता को सौंप दिया गया. उस रात को दाह संस्कार किया गया.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की मौत 9 अगस्त को सुबह 3 से 6 बजे के बीच हुई. जिस श्मशान में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया, वहां के रजिस्टर में ‘मृत्यु का समय 12:44 PM’ लिखा हुआ है. इस रजिस्टर को देखकर दाह-संस्कार प्रमाणपत्र या घाट प्रमाणपत्र तैयार किया जाता है.
उसके बाद ये सवाल उठे हैं कि दोनों दस्तावेजों में उल्लिखित समय में इतना अंतर क्यों है? श्मशान घाट प्रबंधक के मुताबिक, मृत्यु प्रमाणपत्र देखने के बाद समय (12:44) लिखा गया था, मैनेजर ने कहा, ”अगर कोई मुझसे कहे तो मैं अब और नहीं लिख सकता. यह समय मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखा गया था. इसलिए हमने इसे लिखा. कोई त्रुटि नहीं है,
पीड़िता के माता-पिता भी इस विसंगति की शिकायत कर रहे हैं. मृतक डॉक्टर के पिता ने कहा, ”मेरी बेटी के साथ रेप और हत्या के पीछे बड़ी साजिश है. यह मामले को भटकाने की साजिश हो रही है. इससे पहले डॉक्टर के मां-पिता को फोन कर डॉक्टर की स्थिति को लेकर अलग-अलग बात कही गयी थी. पहले कहा गया था कि वह बीमार हैं. फिर कहा गया कि वह गंभीर रूप से बीमार है और फिर कहा गया है कि उसने आत्महत्या की है. इसे लेकर ऑडियो भी वायरल हुआ है.
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने इसे लेकर ट्वीट कर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा किआरजी कर के फोन कॉल की ऑडियो रिकॉर्डिंग मीडिया चैनलों द्वारा एक्सेस की गई है, जो साबित करती है कि माता-पिता क्या कह रहे थे.. जिसका सुप्रीम कोर्ट ने भी संकेत दिया था. उन्होंने कहा कि माता-पिता को पहले क्षण से ही गुमराह किया जा रहा था. सबूत नष्ट किए जा रहे थे.. यह व्यवस्थित और संस्थागत कवर अप का प्रयास दिखाता है.. वे इसके लिए इतने उत्सुक क्यों थे? और फिर उन्होंने 4 घंटे में प्रिंसिपल को पदोन्नत कर दिया. यह सबूत मिटाओ, बलात्कार बचाओ क्यों और बेटी को न्याय दिलाओ क्यों नहीं?
उन्होंने कहा किइसके बाद ममता बनर्जी जो स्वास्थ्य मंत्री हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके बजाय वे पूरे भारत में हिंसा की धमकी देती हैं और इंडी गठबंधन चुप है! यह चौंकाने वाला है. पूर्व सीबीआई प्रमुख उपेन बिस्वास ने भी इस विसंगति पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ”यह एक बड़ी विसंगति है. यह कैसे किया गया है? इससे बहुत कुछ निकलेगा. जिन लोगों ने यह अपराध किया है उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
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