नई दिल्ली: कोलकाता (Kolkata) में हुए लेडी डॉक्टर रेप और मर्डर केस (doctor rape case) की जांच कर रही सीबीआई एक बार फिर आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) पहुंची. वहां क्राइम सीन का दौरा करने के साथ ही अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी जांच की गई. कई लोगों से जांच एजेंसी ने पूछताछ की है. इस मामले में अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी लगातार पूछताछ की जा रही है, लेकिन सीबीआई अभी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है.
यही वजह है कि इस केस में इंसाफ की मांग को लेकर बड़ी संख्या में डॉक्टरों और लोगों का प्रदर्शन जारी है. उधर, रविवार को सत्तारूढ़ दल टीएमसी भी एक बार फिर बड़ा प्रदर्शन कर रही है. टीएमसी की महिला विंग सड़कों पर है. सीबीआई की सुस्त जांच को मुद्दा बनाया जा रहा है. इसी मुद्दे पर धरना हो रहा है. बीजेपी भी हफ्ते भर के धरना प्रदर्शन की सीरीज में आज भी सड़कों पर उतरी है. लगातार तीसरे हफ्ते बीजेपी और टीएमसी सडकों पर हैं.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पहले कहा कि प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इस कांड की वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए. वेस्ट बंगाल सरकार ने दोषी बलात्कारियों को मृत्युदंड देने के प्रावधान वाले विधेयक को पेश करने और पारित करने के लिए सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि इस मामले में कड़े कानून पहले से ही हैं.
रविवार दोपहर को मध्य कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक विभिन्न व्यवसायों से जुड़े लोगों की एक मेगा रैली भी आयोजित की गई. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह एक गैर-राजनीतिक मोर्चा है. इस आंदोलन की रूपरेखा सोशल मीडिया पर बनाई गई है. शनिवार को कोलकाता शहर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने विभिन्न रैलियों में भाग लिया. इस कांड की वजह से पूरे देश में आक्रोश है. लोग यथाशिघ्र खुलासे की मांग कर रहे हैं.
बताते चलें कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के विरोध में चल रहे जूनियर डॉक्टरों के धरने में पुलिस का एक सिविक वॉलंटियर बाइक लेकर पहुंच गया. वो नशे में बुरी तरह धुत था. उसने अपनी बाइक से एक जूनियर डॉक्टर को टक्कर मार दी. ये घटना शुक्रवार की रात करीब 2 बजे कोलकाता स्थित रविंद्र भारती यूनिवर्सिटी के पास हुई. लेकिन पुलिस ने बिना किसी कार्रवाई के आरोपी जाने दिया, जिस पर प्रदर्शनकारी उग्र हो गए.
नाराज डॉक्टरों ने आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर 5 घंटे तक बीटी रोड जाम रखा. तब जाकर हरकत में आई पुलिस ने आरोपी सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों में से एक ने बताया कि घटना के समय आरोपी नशे में था, जब शहर के उत्तरी हिस्से में विश्वविद्यालय के पास सिंथी क्रॉसिंग पर बी टी रोड पर यह घटना हुई. आरोप है कि एक ट्रैफिक सार्जेंट ने सिविक वॉलंटियर को मौके से भागने में मदद की थी.
लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस में सीबीआई कई एंगल से जांच कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि डॉक्टर का शव मिलने के बाद पुलिस को 40 मिनट देरी से क्यों सूचित किया गया. इसकी भी जांच की जा रही है कि क्या डॉक्टर के शव के मिलने और क्राइम सीन पर पुलिस के पहुंचने के बीच अस्पताल के अधिकारियों की ओर से अपराध को छिपाने का प्रयास किया गया था.
पुलिस की जांच के अनुसार, लेडी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह 9:30 बजे बरामद किया गया था. लेकिन पुलिस स्टेशन को पहली कॉल 40 मिनट बाद सुबह 10:10 बजे मिली. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और ताला पुलिस स्टेशन के बीच एक किमी की दूरी है, जो महज चार मिनट में तय की जा सकती है. इसके बावजूद पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया, जो कि एक बड़ी चूक के रूप में देखा जा रहा है.
इस तरह शव मिलने और क्राइम सीन को सील करने के बीच एक घंटे की देरी हो गई. यही वजह है कि वहां भीड़ एकत्र हो गई, जिसकी वजह से क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ हो गई. सीबीआई पूर्व प्रिंसिपल की सीडीआर की जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि उनकी ओर से कोई हस्तक्षेप हुआ है या नहीं. उन्हें शुक्रवार को रिकॉर्ड 14वीं बार पूछताछ के लिए बुलाया गया. इसके साथ ही सीबीआई ने ताला थाना प्रभारी से भी इसके बारे में पूछताछ की है.
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