कोलकाता। कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने कथित “जनहित याचिका-जबरन वसूली” घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी (Senior Officer Enforcement Directorate) को नोटिस भेजा है। इस मामले में पुलिस झारखंड (Jharkhand) के एक वकील को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। बंगाल पुलिस (Bengal Police) द्वारा ईडी अधिकारी को यह नोटिस ऐसे समय में भेजा गया है जब केंद्रीय एजेंसी पश्चिम बंगाल (Central Agency West Bengal) में करोड़ों रुपये के भर्ती घोटाले (recruitment scam) की जांच कर रही है और उसने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Former Education Minister Partha Chatterjee) को गिरफ्तार किया है।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भुवनेश्वर स्थित संघीय एजेंसी के संयुक्त निदेशक सुबोध कुमार को नोटिस भेजा गया है। सुबोध कुमार 2016 से 2022 के बीच रांची में तैनात थे। कुछ महीने पहले उनका तबादला ओडिशा कर दिया गया। कोलकाता पुलिस ने झारखंड के एक वकील राजीव कुमार को कथित तौर पर शहर के एक कारोबारी से रंगदारी वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके पास से 50 लाख रुपये कैश बरामद किए गए थे। आरोपी कथित तौर पर जनहित याचिकाओं में लोगों को प्रतिवादी बनाकर उनसे पैसे वसूल करते थे और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके घरों और दफ्तरों पर छापा मारकर उन्हें धमकाते थे।
कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आरोपी ने 2021 में रांची उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी जिसमें कोलकाता के एक व्यवसायी को प्रतिवादी बनाया गया था। उन्होंने जनहित याचिका से व्यवसायी के नाम को वापस लेने के लिए उससे 10 करोड़ रुपये की मांग की थी। वकील ने धमकी भी दी थी कि अगर वह ऐसा नहीं करता है तो व्यापारी के घर पर केंद्रीय एजेंसी को ले जाकर छापा मार सकता है। बातचीत के बाद उन्होंने राशि को घटाकर 4 करोड़ रुपये कर दिया और अंत में 1 करोड़ रुपये पर सौदा हुआ। वह 50 लाख रुपये लेने कोलकाता आया था।”
आरोपी राजीव कुमार झारखंड उच्च न्यायालय में पेशे से वकील है। वह जनहित याचिका दायर करने के नाम से मशहूर है। वह वर्तमान में शिव शंकर शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर दो जनहित याचिकाओं का वकील है। इन याचिकाओं में झारखंड सीएम के खनन पट्टे और उनके सहयोगियों द्वारा संचालित कथित शेल कंपनियों के संबंध में सीबीआई जांच की मांग की गई है। वह मनरेगा घोटाले से संबंधित याचिकाकर्ता अरुण कुमार दुबे के काउंसलर भी हैं, जिसमें ईडी ने निलंबित माइन सचिव पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया है।
कोलकाता शहर की पुलिस ने हाल ही में रांची में कुछ स्थानों पर छापेमारी की थी और दावा किया कि आरोपी के पास रांची, नोएडा और दिल्ली में फ्लैट, दफ्तर और फार्महाउस सहित कई संपत्तियां हैं। कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “ईडी अधिकारी का नाम पूछताछ के दौरान सामने आया और आरोपी की चैट हिस्ट्री और कॉल लॉग से पता चला कि उसने अधिकारी से कई बार बात की थी।” कुमार से पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस की एक टीम के मंगलवार को ओडिशा के भुवनेश्वर पहुंचने की उम्मीद है। इससे पहले भी कोलकाता पुलिस ने ऑडियो टेप लीक मामले में ईडी के तीन अधिकारियों को तलब किया था। पुलिस एक व्यवसायी के खिलाफ मामले की जांच कर रही थी, जिसे एक कथित ऑडियो क्लिप में ईडी अधिकारी से मवेशी तस्करी और कोयला घोटाले जैसे विषयों पर बात करते हुए सुना गया था। यह चैट 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले लीक हुई थी।
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