नई दिल्ली। कोलकाता उच्च न्यायालय (Kolkata High Court) की खंडपीठ ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) पर जुर्माना (Fine) लगाया है। कोर्ट ने गांगुली के साथ ही बंगाल सरकार (Government of Bengal) और उसके आवास निगम पर भी जुर्माना लगाया गया है। यह मामला गलत तरह से जमीन आवंटन (land allotment) का है।
जिस वजह से पूर्व भारतीय कप्तान (former Indian captain) पर हाईकोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि बंगाल सरकार और आवास निगम पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह राशि चार सप्ताह के भीतर पश्चिम बंगाल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के पास जमा की जानी चाहिए। पूर्व भारतीय कप्तान की योजना न्यू टाउन एरिया में स्कूल स्थापित करने की है।
जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट लगाया जुर्माना
कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायामूर्ति अरिजित बनर्जी की बेंचच ने जनहित याचिका पर सुनावाई करने के बाद कहा, जमीन आवंटन के मामले में निश्चित नीति होनी चाहिए। ताकि इस तरह के मामलों में दखल न दी जाए।
दो एकड़ जमीन आवंटन का मामला
सौरव गागुली की शिक्षण संस्था को राज्य सरकार ने कोलाकाता के न्यू टाउन एरिया में नियमों के विपरीत जमीन दी थी। जनहित याचिका के तहत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष और गांगुली एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी को स्कूल के लिए आवंटित दो एकड़ जमीन पर सवाल खड़े किए गए थे।
कानून के अनुसार काम करें गांगुली
सौरव गांगुली और गांगुली एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी पर लगाए गए 10,000 रुपये की सांकेतिक लागत पर कोर्ट ने कहा, यहां तक कि उन्हें कानून के अनुसार काम करना चाहिए था, विशेष रूप से पहले के फैसले पर विचार करते हुए जिसमें उनके पक्ष में भूखंड का मनमानी आवंटन सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था।
संविधान में सब समान
खंडपीठ ने आगे कहा कि देश हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ा होता है, खासकर जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, यह सही है कि गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देश का नाम रोशन किया लेकिन जब बात नियम-कानून की आती है तो संविधान में सब बराबर हैं उससे कोई ऊपर नहीं हो सकता। साल 2016 में इस जमीन के आवंटन के लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।
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