कोलकाता। बीरभूम हिंसा की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी गई है। कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार (State government) की उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें मामले की जांच बंगाल पुलिस से ही कराने की बात कही गई थी, कोर्ट ने बंगाल के एडवोकेट जनरल (एजी) से कहा कि हमें अपने आदेश को रोकने के पीछे कोई वजह नजर नहीं आती। इसलिए सरकार की मांग ठुकराई जाती है।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत अधिकारी की हत्या के कथित तौर पर विरोध स्वरूप बोगतुई गांव में करीब एक दर्जन झोपड़ियों में आग लगा दी गई थी, इसमें दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। इसी मामले में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई या एनआईए से जांच की मांग की गई थी। इसके अलावा अदालत ने भी इस मामले का संज्ञान लिया था। गुरुवार को कोर्ट ने इस केस में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
सेंट्रल एजेंसियों से जांच की मांग का बंगाल सरकार कर रही थी विरोध
सीएम ममता बनर्जी की सरकार ने सीबीआई या एनआईए जांच के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर रहा है। उसे समय दिया जाना चाहिए। दो दिन तक सभी पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा कि वह दलीलों पर विचार के बाद आदेश पारित करेगी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर ने कहा कि सीबीआई या एनआईए जांच शुरू करने के लिए तैयार हैं, यदि उच्च न्यायालय आदेश पारित करता है।
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