ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अब समझ आ गया होगा कि ज्ञान देना और बात है और उस पर अमल करना दूसरी बात। भारत में किसान आंदोलन के वक्त उन्होंने दूसरे देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की नीति को भुला दिया था। उन्होंने भारत को नसीहत दी थी, लेकिन अब स्वदेश में छिड़े ट्रक ड्राइवरों के आंदोलन से जूझ रहे हैं तो कह रहे हैं कि प्रदर्शनकारी विकास में बाधक हैं।
ओटावा में कोविड-19 वैक्सीन अनिवार्य करने के आदेश का विरोध कर रहे ट्रक ड्राइवरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए ट्रूडो ने इसे जल्द खत्म करने पर जोर दिया। ट्रूडो ने सोमवार को कहा कि ट्रक ड्राइवरों का प्रदर्शन रोकने की जरूरत है। यह देश की अर्थव्यवस्था में बाधा डाल रहा है।
सोमवार को कनाडा की संसद में ट्रूडो ने कहा ‘प्रदर्शनकारी हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे लोकतंत्र और हमारे साथी नागरिकों के दैनिक जीवन को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे रोकना होगा।ओटावा के लोग अपने ही पड़ोस में परेशान होने के लायक नहीं हैं। वे सड़क के किनारे जारी हिंसा को सामना करने लायक नहीं हैं। यह एक ऐसे देश की कहानी है, जो एकजुट होकर इस महामारी से उबरा है, लेकिन कुछ लोग शोर मचा रहे हैं।’
किसान आंदोलन के वक्त दिया था दखल
ट्रूडो घर में घिरे तो उन्हें आंदोलन गलत नजर आ रहा है, जबकि भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय उन्होंने कहा था, ‘अगर मैं किसानों के विरोध के बारे में भारत से आने वाली खबरों पर अपनी बात न रखता हूं तो मुझे खेद होगा। स्थिति चिंताजनक है। हम सभी परिवार और दोस्तों को लेकर बहुत चिंतित हैं। हम जानते हैं कि यह आप में से कई लोगों के लिए एक वास्तविकता है। मैं आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा। हम बातचीत की प्रक्रिया में विश्वास करते हैं। हम अपनी चिंताओं को उजागर करने के लिए कई माध्यमों से भारतीय अधिकारियों तक पहुंचे हैं। यह हम सबके लिए एक साथ आने का वक्त है।’
कंगना रनावत ने ट्रूडो पर कसा तंज
अभिनेत्री कंगना रनावत ने कनाडा में चल रहे विरोध-प्रदर्शन को लेकर पोस्ट साझा करते हुए लिखा, ‘कर्म का फल भुगतना पड़ता है।’ 2020 में भारत में सरकार का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में जस्टिन के आगे आने के मद्देनजर कंगना का यह बयान आया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved