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जानिए लोग क्‍यों? इस युवक को रियल लाईफ मोगली कहतें है

December 04, 2020

मोगली (Mowgli) की कहानी तो आपने भी जरूर सुनी होगी, जो जंगल में जानवरों के साथ रहता था । आज हम आपको बताने जा रहें हैं ऐसे ही एक रियल लाईफ मोगली (Real-life Mowgli) के बारें में ,अफ्रीकी देश रवांडा (Rwanda in Africa) के रहने वाले 21 साल के एक लड़के को लोग असल जीवन का मोगली (Real-life Mowgli) कहते हैं, जो अधिकतर समय जंगल में अकेले बिताता है और उसे हरी घास खाना पसंद है । तो आईये जानतें हैं इस रियल लाईफ मोगली के बारें में

1- क्यों कहते है इस लड़के को मोगली

रवांडा (Rwanda) के एक गांव के रहने वाले जांजिमान एली (Zanziman Ellie) का सिर आम लोगों से छोटा है और इस कारण गांव के बच्चे उसका मजाक उड़ाते हैं और उसे प्रताड़ित करते हैं। यही वजह है कि जांजिमान गांव में रहने के बजाय जंगल में रहता है । इसलिए उसके गांव और आसपास के लोग उसे मोगली कहते हैं ।

2- क्यों छोटा है एली का सिर

द सन की रिपोर्ट के अनुसार, जांजिमान एली (Zanziman Ellie) माइक्रोसेफली (microcephaly) नामक बीमारी से ग्रस्‍त है । इसमें व्‍यक्ति का सिर आम इंसानों की तुलना में थोड़ा छोटा होता है और वह दूसरे लोगों से अलग दिखने लगते हैं ।

3- एली को कब से है ये बीमारी

एली की उम्र 21 साल है और उसे यह डिसऑर्डर बचपन से ही है. एली की मां बताती है कि वो उसके पैदा होने से पहले अपने पांच बच्चों को खो चुकी हैं । उसे सुनने और देखने में भी दिक्कत है, इस कारण कभी स्कूल भी नहीं जा पाया ।

4 – हरी-हरी घास खाने का शौकीन

जंगल में रहने की वजह से जांजिमान एली (Zanziman Ellie) के खान-पान की आदतें भी आम लोगों की तरह नहीं है और उसे आम खाने की जगह हरी घास खाना पसंद है ।

5 – जंगल में रहकर सीखे कई हुनर

जांजिमान एली ने जंगल में रहकर कई तरह हुनर सीख लिए हैं और पलक झपकते ही ऊंचे पेड़ों पर भी चढ़ जाता है. वह जंगल में रहकर कई किलोमीतर तक पैदल चल सकता है । जांजिमान कई बार एक हफ्ते में करीब 230 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय कर लेता है ।

6- क्यों होती है माइक्रोसेफली बीमारी

माइक्रोसेफली एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके कारण बच्चे छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं । हालांकि यह बीमारी हजारों में से एक बच्चे को होती है । माइक्रोसेफली के लिए कोई परीक्षण या उपचार नहीं है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान स्कैन में इसका पता लगाया जा सकता है और जन्म के 24 घंटे बाद बच्चे के सिर को मापने के बाद इसका निदान किया जा सकता है । माक्रोसेफली अक्सर उन बच्चों को प्रभावित करता है, जिसकी मां जीका वायरस से संक्रमित हुई हो ।

7- मदद के लिए आगे आए लोग

एली की कहानी दुनिया के सामने आने के बाद लोगों ने क्राउडफंडिग के जरिए उनके लिए फंड जुटाने की कोशिश की है । लोगों ने फंड के तौर पर अभी तक करीब 4 हजार डॉलर यानिल 3 लाख रुपये जमा किए हैं ।

 

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