नई दिल्ली। अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही देश के अनेक हिस्स्सों में इस समय मूसलाधार बारिश (torrential rain) का दौर जारी है। एक तरफ जहां दिल्ली-एनसीआर (Delhi -NCR) में बादल जमकर बरस रहे हैं तो मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) बारिश से तरबतर हो रही है। बारिश इतनी भयानक (rain so terrible) हो रही है कि पिछले 15 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है।
आपको बता दें कि विदाई ले चुका मानूसन एक बार फिर वापिस आ गया है। देश के कई राज्यों में जमकर बारिश हो रही है। पूरे दिल्ली-एनसीआर में आसमानमे कोहरा छाया हुआ है। पिछले रविवार को दिल्ली में मूसलाधार बारिश हुई। 2007 के बाद से अक्टूबर महीने में किसी एक दिन में दूसरी सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। 24 घंटे के अंतराल में 74 मिमी बारिश हुई थी। बीते रविवार को दिल्ली में मूसलाधार बारिश हुई। 2007 के बाद से अक्टूबर महीने में किसी एक दिन में दूसरी सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। 24 घंटे के अंतराल में 74 मिमी बारिश हुई थी।
वैसे अक्टूबर महीने में मौसम विदाई ले चुका होता है, लेकिन इस समय हो रही बारिश से हर कोई हैरान कर रही है। अगर आप सोच रहे हैं कि मॉनसून के कारण ऐसी बारिश हो रही है तो आप गलत हैं। इसका कुछ और कारण है। दिल्ली में अभी जो बारिश हो रही है, उसका कारण मॉनसून नहीं है। इस साल 516.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इसके बाद 29 सितंबर को मॉनसून वापस लौट चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि किस कारण से भारी बारिश हो रही है?
क्यों हो रही है इतनी तेज बारिश?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। यह विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों में एक ट्रफ के रूप में बन गई है। ट्रफ रेखा 64 डिग्री पूर्व में 25 डिग्री उत्तर में चलती है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण हरियाणा और निचले क्षोभमंडल स्तरों में स्थित है। क्षोभमंडल वायुमंडल की सबसे निचली परत है, जो समुद्र तल से 10 किलोमीटर ऊपर फैली हुई है। इसे अधिकांश बादलों का घर कहा जाता है, जिसमें वर्षा वाले निंबस बादल भी शामिल होते हैं। पश्चिमी विक्षोभ का चक्रवाती परिसंचरण के साथ संपर्क से बिहार, यूपी और उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।
ट्रफ के कारण उत्तराखंड, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिन के दौरान और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 11 अक्टूबर को भारी बारिश की संभावना है। इससे पहले पूर्वी हवाओं ने अरब सागर से नमी लेकर दिल्ली से लेकर पूर्वी राजस्थान तक एक और ट्रफ रेखा खींची थी। इससे पिछले एक हफ्ते में भारी बारिश हुई है।
आईएमडी के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी रेखा उत्तरकाशी, नजीबाबाद, आगरा, ग्वालियर, रतलाम, भरूच से होकर गुजरती है। अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों से वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। इस वायुमंडलीय घटना के कारण पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और तमिलनाडु में बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
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