नई दिल्ली: पौराणिक मान्यताओं (mythological beliefs) के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. भगवान शिव (Lord Shiva) का प्रिय रुद्राक्ष के ढेरों लाभ हैं. बहुत कम लोग ही इससे अवगत होंगे. शिवपुराण में 16 तरह के रुद्राक्षों के बारे में बताया गया है और सभी का अपना महत्व है. हर व्यक्ति कोई भी रुद्राक्ष धारण (wearing rudraksha) नहीं कर सकता. रुद्राक्ष ज्योतिष (rudraksh astrology) की सलाह से ही धारण करना चाहिए. आज हम जानेंगे एक मुखी रुद्राक्ष के बारे में.
धन प्राप्ति के लिए भी पहन सकते हैं: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति अपनी इंद्रियों को वश में करने में सफल हो पाता है. मान्यता है कि धन प्राप्ति के लिए भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है. वहीं, छात्रों के लिए भी इसे लाभकारी माना जाता है. करियर में सफलता पाने के लिए भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है.
रोगों से मिलता है छुटकारा: मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. वहीं किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सालह दी जाती है. ये ब्लड प्रेशर और दिल संबंधी रोगों से भी बचाता है.
ये लोग कर सकते हैं धारण- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वैसे तो एक मुखी रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है. लेकिन इसका संबंध सूर्य ग्रह से होता है. इसलिए सिंह राशि वालों के लिए ये विशेष रूप से फलदायी साबित होता है. बाकि अन्य लोग भी ज्योतिष की सलाह से धारण कर सकते हैं.
यूं करें असली रुद्राक्ष की पहचान: एक मुखी रुद्राक्ष के असली-नकली की पहचना करने के लिए एक मुखी रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालें. अगर वह पहले रंग से ज्यादा गहरा दिखता है,तो इसका मतलब है रुद्राक्ष असली है. इसके साथ ही, एक मुखी रुद्राक्ष में एक ही धारी होती है. इसे गर्म पानी में उबालने पर अगर ये रंग छोड़ता है तो ये असली नहीं है.
एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे: शिवपुराण के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति खुद को भगवान से जुड़ा हुआ महसूस करता है. कहते हैं कि इसे धारण करने से व्यक्ति जीवन और मरण के चक्र से मुक्ति हो जाता है. मोक्ष प्राप्ति का सबसे सरल साधन इसे ही माना जाता है. माना जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति की रुचि धार्मिक कार्यों में बढ़ती है.
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