नई दिल्ली: नये वेतन कोड का इंतजार लंबे समय से चल रहा है. केंद्र सरकार पिछले एक साल से इसे लागू करने की तैयारी कर रही है. लेकिन, राज्यों की ओर से देरी के कारण कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया. उम्मीद है कि इस साल इसे लागू कर दिया जाएगा. राज्य के ड्राफ्ट इनपुट पर चर्चा हो रही है. जानकारी के मुताबिक नए श्रम कानूनों में कुछ बदलाव किए जाएंगे.
न्यू लेबर कोड (New Labour Code) में कुछ संशोधन भी किए जा सकते हैं. यानी इसमें सैलरी स्ट्रक्चर को लेकर बदलाव हो सकते हैं. साथ ही गिग (Gig) और प्लेटफॉर्म वर्कर (Platform workers) के लिए भी एक सामाजिक सुरक्षा कल्याण तंत्र पर भी काम किया जा रहा है. नए लेबर कोड को 2019 में संसद ने पारित किया जा चुका है.
साल की छुट्टियां बढ़कर 300 होंगी: इस नए नियम के तहत कर्मचारियों की अर्जित अवकाश (Earned Leave) यानी छुट्टियां 240 से बढ़कर 300 हो सकती हैं. लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी. जिसमें कर्मचारियों की Earned Leave 240 से बढ़ाकर 300 किये जाने की मांग की गई थी.
बदलेगा सैलरी स्ट्रक्चर: बताया जा रहा है कि नए वेज कोड के तहत कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा, उनकी Take Home Salary में कमी की जा सकती है. क्योंकि वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.
भत्तों में कटौती करनी होगी: किसी कर्मचारी की Cost-to-company (CTC) में तीन से चार कंपोनेंट होते हैं. बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), रिटायरमेंट बेनेफिट्स जैसे PF, ग्रेच्युटी और पेंशन और टैक्स बचाने वाले भत्ते जैसे- LTA और एंटरटेनमेंट अलाउंस. अब नए वेज कोड में ये तय हुआ है कि भत्ते कुल सैलरी से किसी भी कीमत पर 50 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकते. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो उसकी बेसिक सैलरी 25,000 रुपये होनी चाहिए और बाकी के 25,000 रुपये में उसके भत्ते आने चाहिए.
जानिए नए वेज कोड में क्या होगा खास: नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा. कर्मचारियों की सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे.
काम के घंटे बढ़ेंगे और वीकली ऑफ भी बढ़ेगा: नए वेज कोड के तहत काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा, दरअसल कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाए थे. सरकार ने इस पर अपनी सफाई में कहा कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी.
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