भोपाल। विधानसभा चुनाव (Assembly elections) भले ही देश के पांच राज्यों में हो रहे हैं लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नेताओं को इसमें भी अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के भाजपा की और से चुनावी दौरे होंगे तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) चुनाव में असंतुष्टों को मनाने के लिए साथ देते हुए नजर आएंगे। विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand), पंजाब (Punjab), गोवा और मणिपुर (Goa and Manipur) राज्यों में हो रहे हैं।
भाजपा औऱ कांग्रेस (BJP and Congress) की ओर से चुनावों में मध्य प्रदेश के नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार होने की वजह से यहां के नेताओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदारियां रहेंगी। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनावी दौरे शुरू होने जा रहे हैं। शिवराज 31 जनवरी को उत्तराखंड (Uttarakhand) तो एक फरवरी को गोवा (Goa) के चुनावी दौरे पर रहेंगे। 31 जनवरी को चौहान नैनीताल के हल्दवानी में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे और फिर ललाकुआं विधानसभा में मतदाताओं से घर-घर संपर्क करेंगे। इसके बाद एक फरवरी को वे गोवा में डाबोलिम तथा कॉटलिम विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार (Election Campaign) करेंगे। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ भी अपनी पार्टी के लिए विधानसभा चुनावों में असंतुष्टों को मनाने के लिए को-आर्डिनेशन का काम संभालेंगे।
कमलनाथ दो दिन से दिल्ली (Delhi) में ही हैं और विधानसभा चुनावों की स्थितियों पर नजर रखे हैं। आज कमलनाथ की राहुल गांधी से करीब एक घंटे की मुलाकात हुई है। बताया जाता है कि पांच राज्यों के चुनावों को लेकर उनकी लंबी चर्चा (long discussion) हुई। कमलनाथ ने उन्हें देश और प्रदेश के राजनीतिक हालातों के बारे में बताया और कहा है कि भाजपा में पलायन का दौर शुरू हो चुका है। कमलनाथ ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तक मध्य प्रदेश में एक फरवरी से शुरू हो रहे घर चलो, घर-घर चलो अभियान की जानकारी भी पहुंचा दी है।
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