img-fluid

जानिए पुणे स्थित बाशो ,ओशो के प्रेम का मंदिर क्या बिकने से बच पाएगा

June 19, 2021

 

पुणे ।  महाराष्ट्र (Maharastra) के पुणे (Pune) में कोरेगांव पार्क में बना आचार्य रजनीश ओशो (Acharya Rajneesh Osho) के प्रेम का मंदिर बाशो को बचाने की मुहिम तेज हो गई है। दनिया भर मे फैले ओशो के शिष्यों ने बाशो को बेचने से बचाने के लिए ऑनलाइन (Online) पहल शुरू की है।

मामला मुंबई चैरिटी कमिश्नर (Mumbai Charity Commissioner) के अधीन है। आगामी 22 जून को इस पर सुनवाई होनी है। इसलिए ओशो के हजारों शिष्यों की निगाहें चैरिटी कमिश्नर के फैसले पर टिकी है। 

 ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन (OIF) के आश्रम का स्थान जिसे बाशो कहते हैं वह मेडिटेशन रिसॉर्ट (meditation resort) का हिस्सा है। बाशो के प्लाट संख्या 15 और 16 बहुत ही आकर्षक है जहां शानदान स्वीमिंग पूल भी है। ओआईएफ के मौजूदा ट्रस्टियों ने इसे बेचने की तैयारी की तो बजाज परिवार ने 107 करोड़ रुपए की बोली लगा दी है। लेकिन ओशो प्रेमी नहीं चाहते कि जमीन बेची जाए।

ओशो से जुड़े स्वामी चैतन्य कीर्ति ने बताया कि जब शिष्यों को पता चला कि बाशो को बेचा जा रहा है तब ओशो फ्रेंड्स फाउंडेशन के लोग परेशान हो गए। फाउंडेशन के ट्रस्टी योगेश ठक्कर उर्फ स्वामी प्रेंमगीत और स्वामी आनंद उर्फ अनादि रावल ने इसके खिलाफ मुंबई चैरिटी कमिश्नर के यहां हस्तक्षेप याचिका दायर की।

उसके बाद बाशो को बचाने के लिए ओशो के शिष्यों की ओर से प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और चैरिटी कमिश्नर को हजारो ईमेल भेजे गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया पत्र पीएमओ की तरफ से महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को अग्रसारित किया गया है।


कोरोना के बहाने शुरू हुई बाशों की जमीन बेचने की तैयारी
ओआईएफ ने चैरिटी आयुक्त को दिए आवेदन में कोविड-19 से हुए आर्थिक नुकसान का हवाला दिया है। आवेदन में कहा गया है कि कोरोना संकट के दौरान अप्रैल 2020 से लेकर सितंबर 2020 तक 3 करोड़ 65 लाख रुपए खर्च हुआ। ट्रस्ट को और पैसे की जरूरत है, इसलिए यह प्लाट बेचना है।

स्वामी चैतन्य कीर्ति कहते हैं कि मौजूदा समय में जब 10-15 लोग ही आश्रम में रह रहे हैं तो इतना खर्चा कैसे हो गया। इससे पता चलता है कि ट्रस्टियों की नीयत ठीक नहीं है। ओशो के दुनियाभर में लाखों अनुयायी हैं जो आश्रम को बिकने से बचाने के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। लेकिन भारतीय शिष्य ही इतना खर्च देने के लिए तैयार हैं। हमें शक है कि ओआईएफ इसे पैसा कमाने का जरिया बना लिया है और बाशो की जमीन को बेचकर पैसा विदेश डायवर्ट करना चाहता है।

ओशो के शिष्य चाहते हैं आश्रम में पारदर्शी व्यवस्था कायम हो
स्वामी चैतन्य कीर्ति कहते हैं कि ओशो के शिष्यों को ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन के मौजूदा ट्रस्टियों से भरोसा उठ गया है। इसलिए ओशो के शिष्य चाहते हैं कि मौजूदा ट्रस्टियों को बदलकर नई व्यवस्था कामय की जाए जिससे आश्रम का कारभार पारदर्शी तरीके से चल सके। यह सरकारी एजेंसी की देखरेख में भी हो सकता है। हमें उम्मीद है कि मुंबई के चैरिटी कमिश्नर हजारो ओशो प्रेमियों की इच्छा का सम्मान करेंगे और बाशो की संपत्ति की बिक्री को रोकेंगे।

Share:

चीन और पाकिस्‍तान एकजुट होकर बनाएँगे मीडिया हाउस,भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार की है तैयारी

Sat Jun 19 , 2021
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख खो चुका पाकिस्तान (Pakistan) अब मीडिया का सहारा लेकर अपनी छवि चमकाने की कोशिश में है. पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) मिलकर एक मीडिया हाउस (Media House) बनाने की तैयारी में हैं, जिससे ये दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने पक्ष में माहौल बनाने के साथ-साथ भारत के खिलाफ […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved