लखनऊ। यूपी में एक बार फिर से योगी सरकार बनी है, 403 सीटों में से इस बार 269 सीटें बीजेपी के खाते में गई है। योगी आदित्यनाथ दूसरी बार सूबे के मुखिया का पद संभालते नजर आएंगे। चुनावी शंखनाद के बाद से ही लगातार यूपी में कई बड़े मुद्दे बने और उन पर खूब राजनीति भी हुई जिनमें मुख्य रुप से ‘अब्बाजान’, सांड, 80-20 (ध्रुवीकरण) और बेटियों की सुरक्षा पर पक्ष-विपक्ष की तरफ से खूब राजनीतिक बयानबाजी की गई, लेकिन आखिर में हार्डकोर हिन्दूवादी चेहरा योगी आदित्यनाथ सरकार बनाने में सफल रहे।
इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं योगी से जुड़े वो किस्से जो एक संन्यासी को सत्ता के गलियारों से होते हुए शिखर (सीएम पद) तक लेकर गए हैं…
जब संसद में फूटफूट कर रोए योगी आदित्यनाथ…
आज से करीब 15 साल पहले लोकसभा में आंसदी के सामने बोलने के लिए खड़े हुए गोरखपुर के सांसद और फायरब्रांड हिन्दूवादी नेता की छवि वाले योगी आदित्यनाथ अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर फूट-फूटकर रोए थे। उन्होंने तात्कालिन सरकार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद योगी के समर्थन में कई लोग खड़े हो गए थे, इस घटना ने आजम खान को विलन और योगी को लोगों की सहानुभूति का पात्र बना दिया था।
करीब 15 साल पहले लोकसभा में आंसदी के सामने बोलने के लिए खड़े हुए गोरखपुर के सांसद और फायरब्रांड हिन्दूवादी नेता की छवि वाले योगी आदित्यनाथ अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर फूटफूटकर रोए थे।#YogiAdityanath #ElectionResults2022 #gorakhpur #winner #Yogibaba #YogiWillBeBack #Yogi pic.twitter.com/BtrhqTrCTe
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योगी की गौ-सेवक की छवि बनी पहचान
साल 2017 में बीजेपी ने मोदी के नाम पर यूपी के चुनावी मैदान में अपनी जीत का परचम लहराया था, जिसके बाद सीएम की कुर्सी कौन संभालेगा इसकी चर्चा लखनऊ से लेकर दिल्ली तक थी, तब ही बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ का नाम सामने कर प्रदेश की कमान योगी को सौंपी थी, शपथ ग्रहण करने के एक पखवाड़े बाद ही योगी जब गोरखपुर स्थित मठ पहुंचे थे. तो गायों को दुलारते उनके फोटो और वीडियो काफी वायरल हुए थे। जिसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे, कि प्रदेश में गौहत्या को प्रतिबंधित किया जाएगा, ठीक अपनी घोषणा के अनुरुप योगी ने यूपी में गौहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पहली बार सत्ता के शिखर पर बैठे योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर गए थे तो वहीं मठ में स्थित गौशाला में गौसेवा करते समय योगी ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे कि ‘प्रदेश में गौहत्या प्रतिबंधित की जाएगी|@myogiadityanath #UPElectionResult2022 @BJP4India #bjpup #narendramodi #gauseva #congress pic.twitter.com/Z1try5LOLJ
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योगी की सख्त छवि ने दिलाई जीत
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में क्राइम को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के इरादे 2017 की शुरुआत में ही जाहिर कर दिए थे। जिसकी झलक हमें कई बार दिखी, चाहे यूपी में दंगाइयों द्वारा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एवज में उसकी भरपाई करवाना हो, या उनकी अवैध संपत्ति को बुल्डोजर से गिरवाना हो, या फिर पुलिस को फ्री हैंड देकर बड़े बदमाशों का एनकाउंटर करने की इजाजत देना हो। योगी जनता की नजर में सख्त प्रशासक की छवि बनाने में सफल हुए।
माफिया के खिलाफ जमकर चला योगी का बुल्डोजर
उत्तर प्रदेश में योगी ने सीएम बनते ही बड़े-बड़े माफिया और प्रदेश की फिजा बिगाड़ने वाले बदमाशों के कई ठिकानों पर जमकर बुल्डोजर चलवाया, उनके बुल्डोजर की जद में कभी आजम खान आए, कभी अतीक अहमद, कभी मुख्तार अंसारी, तो कभी विकास दुबे। यूपी का शायद की ऐसा कोई माफिया हो जो अपराध को अंजाम देकर मुख्यमंत्री के बुल्डोजर से बच सका हो। उनकी इस बुल्डोजर वाली छवि के खिलाफ अखिलेश यादव ने जमकर प्रचार-प्रसार किया अपनी सभाओं में अखिलेश ने उन्हें ‘बुल्डोजर मुख्यमंत्री’ कहकर तंज कसा, लेकिन अखिलेश के ये दांव उन पर उल्टे पड़ गए, योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश के बयानों को जमकर भुनाया और जनता को ये समझाने में सफल रहे कि उनका बुल्डोजर कैसे माफिया की कमर तोड़ रहा है। नतीजा यह रहा कि जीते का जश्न भी लोगों ने बुल्डोजर पर खड़े होकर ही मानाया।
महिला सुरक्षा पर घिरी सरकार तो योगी ने संभाला मैदान
यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ रेप के बाद हत्या का वीभत्स मामला समाने आया, जिसमें पुलिस पर रातोंरात पीड़ित युवती का अंतिम संस्कार कर देने के आरोप लगे। जिसके बाद मीडिया और विपक्ष ने योगी सरकार की जमकर घेराबंदी की, पीड़िता के घर मीडिया का जमघट लग गया, तो वहीं दूसरी तरफ हर बड़ा विपक्षी नेता हाथरस पीड़िता के घर के आंगन में नजग आने लगा।
इसके पहले बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप के बाद पीड़िता के परिवार के सदस्यों की हत्या के आरोप पर बीजेपी सरकार को जमकर घेरा गया था। इन सब घटनाओं के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने तो अपने कैंपेन को ही महिला प्रधान बना दिया था उन्होंने नारा दिया था ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ जिसके बाद कांग्रेस ने करीब 40 फीसदी टिकट महिलाओं को बांटे थे जिसमें उन्नाव पीड़िता की मां का भी टिकट था। लेकिन योगी ने अपनी सभाओं में महिला सुरक्षा के लिए उनके उठाए गए कदम जनता के सामने रखे, जिसके बाद एक बार फिर जनता ने सभी को नकारते हुए, योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया।
अयोध्या राम मंदिर और योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने राजनीति के शुरुआती सफर से ही अयोध्या राम मंदिर को लेकर अपनी आवाज मुखरता से उठानी शुरु कर दी थी, योगी अपनी हर सभा या पब्लिक मीटिंग में अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की मांग उठाते रहे थे। 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न हुआ उस दिन योगी का एक बड़ा सपना भी मानो पूरा हुआ, उसी दिन से ये कयास लगाए जाने लगे थे कि यूपी में फिर बीजेपी योगी के नेतृत्व में सरकार बनाएगी और और प्रचार के दौरान भी एक गाना काफी प्रचारित हुआ था जिसके शब्द थे ‘जो राम को लाएं हैं, हम उनको लाएंगे, यूपी में फिर से हम भगवा लहराएंगे’ ये सभी कयास आज आए नतीजों के साथ सही साबित हुए।
योगी आदित्यनाथ ने अपनी राजनीति के केंद्र में हमेशा हिंदूओं को ही रखा, उनकी सभाओं में उठे 80-20 (ध्रुवीकरण) के मुद्दे हो या ‘अब्बाजान’ का जिक्र हो वे हमेशा से ही हिंदू ओरिएंटेड राजनीति ही करते रहे हैं, एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जब उनसे इस बारे में पूछा गया था कि वे क्या सिर्फ हिंदूओं के सीएम हैं तो उन्होंने कहा था कि ‘वे सीएम तो पूरे यूपी के हैं ’ उनसे जब उनके परिवार के बारे में सवाल पूछे जाते थे तो वे आंखों में नमी के साथ कहते थे कि पूरा उत्तरप्रदेश ही उनका परिवार है, वे सभी के हैं। योगी के इन व्य्क्तयों ने ही जनता को उनसे बांधे रखा और नतीजा ये रहा कि एक संन्यासी फिर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचा और एक बार फिर देश के सबसे बड़े सूबे की कमान संभालेगा। (रिपोर्ट हितेश शर्मा)
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