कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी धनतेरस के रूप में मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय इसी दिन अपने हाथों में कलश लेकर भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे। त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी की पूजा करने से घर में रोग नहीं आते। धनतेरस को सामग्री खरीदने पर उसका महत्व 13 गुना बढ़ जाने का भी उल्लेख मिलता है। नारदीय ज्योतिष परामर्श केंद्र के संचालन आचार्य उमेश चन्द्र द्विवेदी वैदिक ने हिस को बताया कि धनतेरस के खास मौके पर भगवान धन्वंतरि के साथ, भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी जी की भी पूजा होती है। यह पर्व दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग बर्तन, सोने-चांदी की वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। भगवान धनवंतरी को आरोग्य के देवता माना जाता है इसलिए इनकी पूजा करने से परिवार निरोग रहता है।
इन वस्तुओं की खरीददारी मानी जाती है शुभ
ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर जो भी वस्तु लोग खरीदते हैं, उसका महत्व 13 गुना तक बढ़ जाता है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन सोना खरीदने से घर में लक्ष्मी प्रवेश करती हैं। साथ ही इस दिन लोग चांदी या अन्य धातुओं के बर्तन, प्लेट, झाडू या अन्य सामग्री की खरीदादरी करते हैं। अगर इस दिन आप अपनी व्यस्ताओं के चलते सोना-चांदी न खरीद पाए हों तो चिंता न करें। इस दिन कम से कम झाडू अवश्य खरीद लें। मुख्य द्वार और पूरे घर की साफ-सफाई के लिए झाडू बहुत जरूरी है। माना जाता है कि इस दिन नया झाडू खरीदने से श्रीहरि विष्णु, देवी लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी, कुबेर की सदा कृपा होती है।
लोगों को लुभाने के लिए दिए जा रहे ऑफर
धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए धनतेरस पर सोना-चांदी व डायमंड की खरीदारी को शुभ माना जाता है। शास्त्रों में भी इसका जिक्र है। ग्राहकों को लुभाने के लिए सराफा व्यापारियो ने एक से बढ़कर एक ऑफर की पेशकश की है। गोल्ड में मेकिंग चार्ज में छूट दी जा रही है। इस मौके के लिए लेटेस्ट डिजाइनों की श्रंखला के साथ हल्के व भारी गहनों से दुकानों को सजा दिया गया है। प्लेटेनियम ज्वेलरी में रिंग्स की नई डिजाइन आई है। एक अनुमान के मुताबिक सराफा बाजार में धनतेरस के दिन 2 करोड़ रूपए तक की बिक्री हो सकती है। हांलाकि पिछले वर्ष के मकाबले इस समय सोने के दाम मंहगे होने से बिकने वाले सोने की मात्रा थोड़ी कम हो सकती है।
बर्तन बाजार में भी बढ़ाई गई सजावट
धनतेरस के दिन लिए बर्तन बाजार विशेष रूप से सजकर तैयार हो गए हैं। पीलत, अष्टधातु समेत स्टील के बर्तनों की नई-नई डिजाइन बाजार में उतारी गई है। पीलत के बर्तन की धनतेरस के दिन ज्यादा मांग रहती है। बर्तन बाजार देर रात खोले जाने के लिए लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। धनतेरस पर सबसे अधिक खरीदारी थाली, चम्मच और ग्लास की होती है।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
गुरूवार को धनतेरस का पर्व है। दोपहर 11.57 बजे से 1.15 बजे तक शुभ मुहूर्त है। इसके बाद शाम 4.10 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक शुभ मुहूर्त है। गुरूवार को ऊपर बताए गए मुहूर्त में सामग्री खरीदने पर विशेष लाभ होगा।