img-fluid

जानियें: जीवाणु नीसेरिया गोनोरिया के लिए आई ड्राप बनाने में मिली सफलता

October 31, 2020

वैज्ञानिकों ने एक ऐसी आई ड्रॉप की खोज की है जो नवजात शिशुओं में अंधेपन की समस्या को दूर कर सकती है। इसका कारण नीसेरिया गोनोरिया नामक एक जीवाणु है, जो दवाओं से प्रभावित नहीं है। यह जीवाणु संक्रमित मां से नवजात तक पहुंचता है और अंधेपन का कारण बनता है। ब्रिटेन की किंग्स्टन यूनिवर्सिटी, जो आई ड्रॉप बनाती है, का दावा है कि यह आंख के जीवाणु संक्रमण को ठीक कर सकती है। यह दवा नवजात शिशुओं की आंखों में जलन भी नहीं करती है।

यह बैक्टीरिया मां से बच्चे में फैलता है

वैज्ञानिकों का कहना है कि, निसेरिया गोनोरिया नाम का जीवाणु यौन संचरण के दौरान पिता से माँ तक और माँ से नवजात शिशु तक पहुँचता है। इस बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक्स दिन-ब-दिन अप्रभावी साबित हो रहे हैं। इसका असर नवजात की आंखों पर पड़ रहा है। यदि इसके संक्रमण का इलाज नहीं किया जाता है, तो नवजात शिशु की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है।

रोगाणुरोधी एजेंट मोनोकाप्रिन सस्ता विकल्प
वैज्ञानिकों का कहना है, आंख की बूंदों ने एंटी-माइक्रोबियल एजेंट मोनोकैप्रिन का उपयोग किया है। यह एक सस्ता विकल्प है और इसे दुनिया के किसी भी हिस्से में उपलब्ध कराया जा सकता है।

नई दवा के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने में कठिनाई
शोधकर्ता डॉ। लोरी सिंडर के अनुसार, कई प्रकार के जीवाणुओं पर एंटीबायोटिक्स अप्रभावी साबित हो रहे हैं। इसलिए, उन्हें खत्म करने के लिए एक नया विकल्प खोजना आवश्यक है। यही कारण है कि हमने मोनोकैप्रिन का इस्तेमाल किया। इस दवा के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने के लिए बैक्टीरिया के लिए मुश्किल होगा।

Share:

Corona Updates: भारत में बीते 24 घण्‍टे के दौरान 551 मौतें

Sat Oct 31 , 2020
नई दिल्ली । कोरोना (Corona ) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि सक्रिय मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है। इस घातक वायरस की वजह से पूरी दुनिया प्रभावित है। इस बीच भारत (India) में कोरोना के मरीज 81 लाख से पार हो […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
गुरुवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved