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    कोरोना से जंग: संयुक्त राष्ट्र महासभा में PM मोदी ने जिन तीन स्वदेशी वैक्सीनों पर की चर्चा, जानिए उनके बारे में विस्तार से

  • September 26, 2021

    नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona Virus) से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए दुनिया की तमाम वैक्सीन (Vaccine) निर्माता कंपनियां प्रभावी टीकों (Manufacturers of effective vaccines) को बनाने में लगी हुई हैं। भारतीय वैज्ञानिक (Indian Scientist) भी इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। देश में कुछ ऐसी वैक्सीनों के निर्माण का भी चल रहा है जो इस महामारी को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

    शनिवार को 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारत की वैक्सीन निर्माण (India’s vaccine manufacturing) के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी के बारे में दुनिया को सूचित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत का पहला एमआरएनए वैक्सीन (MRNA Vaccine) अपने अंतिम चरण में है। इसके अलावा देश के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर की आयु के लोगों को दिया जा सकेगा।

    कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए भारत लगातार तेजी से काम कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से मुकाबले के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए भारत की तीन अत्याधुनिक वैक्सीनों का जिक्र किया। आइए आगे की स्लाइडों में इन वैक्सीनों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


    प्रधानमंत्री ने इन तीन वैक्सीनों का किया जिक्र
    संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने पहली स्वदेशी एमआरएनए वैक्सीन, दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन और नेजल वैक्सीन के बारे में बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस एमआरएनए वैक्सीन का जिक्र किया है उसे पुणे स्थित एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की सहायक कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है। वहीं दुनिया का पहली कोविड डीएनए वैक्सीन जायकोव-डी को जायडस कैडिला द्वारा तैयार किया गया है।  वहीं भारत बायोटेक देश की पहली नेजल वैक्सीन की निर्माण की दिशा  में काम कर रहा है। आइए इन तीनों वैक्सीनों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

    दुनिया की पहली डीएनए आधारित कोविड वैक्सीन- जायकोव डी
    भारत ने दुनिया की पहली डीएनए आधारित कोविड वैक्सीन तैयार कर ली है। जायकोव-डी नाम की इस वैक्सीन को अहमदाबाद स्थित फार्मास्युटिकल प्रमुख कंपनी जायडस कैडिला द्वारा विकसित किया गया है। इस वैक्सीन को भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी भी मिल चुकी है। इस वैक्सीन को कई मामलों में खास माना जा रहा है।

    • यह डीएनए आधारित तकनीक है। जायकोव-डी एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है जो प्लास्मिड नामक डीएनए अणु के गैर-प्रतिकृति वर्जन का उपयोग करके तैयार की गई है। यह शरीर में सार्स-सीओवी-2 वायरस के मेंब्रेन पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन का एक हानिरहित वर्जन तैयार करने में मदद करेगी, जिससे भविष्य में संक्रमण के खिलाफ आसानी से सुरक्षा प्राप्त की जा सकेगी।
    • देश की यह पहली वैक्सीन है जिसे 12 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए मंजूरी दी गई है।
    • जायकोव-डी कोरोना की पहली निडिल-फ्री वैक्सीन भी है, यानी कि शरीर में इसे इंजेक्ट करने के लिए अन्य वैक्सीनों की तरह निडिल की जरूरत नहीं होगी। निडिल की बजाय जेट इंजेक्टर के माध्यम से इसके टीके दिए जाएंगे। 

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