1. प्रथम काट कर मैं ‘पकली’, छिप छिप जाऊं ऐसी कली। बल खाती सी इठलाती, रातों में अक्सर निकली।
उत्तर. छिपकली
2. प्रथम काट कर ‘कड़ी’ हूं मैं, मध्य काटकर लड़ी’ हूँ मैं अन्त काटकर किस्मत हूं, फिर भी चूल्हे में पड़ी हूँ मैं।
उत्तर. लकड़ी
3. एक हूं, मगर अनेक हूं मैं, सौ रोगी को एक हूं मैं।
उत्तर. अनार
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved