नई दिल्ली। काँग्रेस पार्टी के नए कोषाध्यक्ष बने पवन बंसल। देश मे देखा जाए तो राष्ट्रीय दलों में सिर्फ कांग्रेस और NCP की वार्षिक घोषित संपत्ति में कमी देखी गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के पास फंड की कमी की खबर सामने आई थी इसकी पुष्टि तब हुई थी जब पार्टी ने ट्वीट कर फंडिंग की अपील की थी। हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा खर्च किया। पार्टी ने 2014 में 516 करोड़ रुपये जबकि 2019 में 820 करोड़ रुपये खर्च किए।1 अक्टूबर, 2019 को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को बताया कि उसने पार्टी के प्रचार के लिए 626.3 करोड़ रुपये जबकि प्रत्याशियों पर करीब 193.9 करोड़ रुपये खर्च किए। इस तरह चुनाव के शुरू होने से अंत तक पार्टी के कुल 856 करोड़ रुपये खर्च हुए।
कांग्रेस की संपत्ति वित्त वर्ष
2016-17 में 854.75 करोड़ रुपये थी
2017-18 में 15.26% घटकर 724.35 करोड़ रुपये
वही बीजेपी (BJP)
वित्त वर्ष 2016-17 मे कुल संपत्ति 1213.13 करोड़ रुपये
2017-18 में 22.27% बढ़कर 1483.35 करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2016-17 में कांग्रेस पर सबसे अधिक 461.43 रुपये की देनदारी थी, जो अगले वित्त वर्ष 2017-18 में कांग्रेस की यह देनदारी घटकर 324.20 करोड़ रुपये रह गई। वहीं, BJP पर वित्त वर्ष 2016-17 में 20.03 करोड़ रुपये का कर्ज था जो अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 21.38 करोड़ रुपये हो गया। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 1,124.5 करोड़ रुपये की संपत्ति थी जिसमें से 324.20 करोड़ रुपये का कर्ज है जिसे घटा दिया जाए तो 800.3 करोड़ रुपये की संपत्ति बचती है।
कांग्रेस व्यापारिक दानदाताओं से दान लेने के मामले में BJP के बाद दूसरे स्थान पर रही। इन दानदाताओं में वही शामिल हैं जिन्होंने 20 हजार रुपये से अधिक का दान दिया।
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