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जानिए आखिर इतने कम समय में Pfizer का Covid-19 टीका कैसे विकसित किया गया?

December 09, 2020

जब अगले हफ्ते Pfizer का Covid-19 का  पहला टीकाकरण UK में होगा तो यह सभी अनिवार्य चरणों (रूसी और चीनी के टीकों को तीसरे चरण के परीक्षणों के पहले ही अप्रूव कर दिया गया) के बाद इतिहास में एक महामारी के लिए सबसे तेजी से विकसित किया गया टीका कहलाएगा ।

UK में 5 मई को पहले परीक्षण से लेकर आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण  की स्वीकृति प्राप्त करने तक छह महीने में Pfizer और उसके साथी BioNTech द्वारा BNT162 वैक्सीन का इस गति से विकसित हो जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है और ऐसी वैक्सीन जो की 95 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करने का दावा करती है। इतनी जल्दी इसका विकसित हो पाना Covid-19 महामारी की गंभीरता को दर्शाता है, जिसने अब तक 1.46 मिलियन से अधिक लोगों को मार डाला है और 62.8 मिलियन संक्रमित हैं।

 Pfizer के अलावा, Moderna Inc जिसने 16 मार्च को ही अपने mRNA वैक्सीन के पहले मानव ट्रायल का  ​​परीक्षण शुरू कर दिया था ,साथ ही उस ने अमेरिका में आपातकालीन उपयोग लाइसेंस के लिए आवेदन भी किया हुआ है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जो AstraZeneca-Oxford vaccine के एक संस्करण का परीक्षण कर रहा है, उसकी भी अगले दो हफ्तों के भीतर सूट का पालन करने की उम्मीद है।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 23 अप्रैल को अपने ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन के पहले  चरण के  परीक्षणों की शुरुआत की थी।

कैसे कोविड -19 के टीके इतनी तेजी से विकसित कर लिए गए?

रिकॉर्ड समय में Covid -19 विकसित करने में सहायता करने वाले वैज्ञानिकों ने यह बताया की इसको शुरुवात से बनाने  की आवश्यकता नहीं पड़ी क्यूंकि वैज्ञानिको  ने SARS और MERS के लिए वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया था जो की कोरोनावायरस फॅमिली से संबंधित थे, और साल 2003 और 20।12 में उनके प्रकोप के बाद से ही इस वैक्सीन के बनने की शुरुवात हो चुकी थी।

कैसे एक वैक्सीन फैक्ट्री से सिरिंज तक पहुंचाई जाती है?

ध्यान देने योग्य बात है  कि Covid  -19 की वैक्सीन जो आने वाली है बस या जिन्हे पहले से ही मंजूरी मिल गई है, उसके लिए जो अनिवार्य  ​​परीक्षण की प्रक्रिया जिसमे यह जांचा जाता है की दिए जाने वाले  शॉट्स कितने  सुरक्षित और प्रभावी हैं उस प्रक्रिया को महीनों में संकुचित कर दिया है जो की कई सालो का काम हैं।

 उदाहरण के लिए:

प्रथम चरण –  इस चरण में, प्रायोगिक टीका मनुष्यों को लगाया जाता है आमतौर पर 20-80 लोगो को , साथ ही इसकी सुरक्षा और प्रमाणिकता का परीक्षण करने के लिए ऐसा किया जाता है । जबकि इस प्रक्रिया में आमतौर पर इस चरण के  लिए एक से दो साल लगते हैं, पर कोविद -19 के दौर में ये  लगभग तीन महीने में किया गया।

द्वितीय चरण- इस चरण में, कई सौ व्यक्तियों को एक साथ वैक्सीन लगाया जाता है इन्हे समूह में बच्चों और बुजुर्गों जैसे आयु-वर्ग में विभाजित किया जाता  है  इस प्रक्रिया में आमतौर पर तीन साल लगते हैं लेकिन कोविद -19 टीकों के लिए, यह 2-3 महीनों में पूरा हो गया।

तीसरा चरण : यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है, जहां टीका हजारों लोगों को लगाया जाता है, और आमतौर पर इस चरण में दो से चार साल लगते हैं। हालांकि, अधिकांश दवा निर्माताओं ने Covid  के दौरान इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए इसे दूसरे चरण के साथ जोड़ दिया।

रेगुलेटरी फीडबैक (Regulatory Feedback) : तीसरे चरण के परीक्षणों के बाद, वैक्सीन डेवलपर  अपने  देश में Regulatory Authority को एक लाइसेंस आवेदन प्रस्तुत करता है, और इस अंतिम अप्रूवल  में महीनों या वर्षों का समय लग सकता है। हालांकि, आपातकालीन स्थिति जैसे  कोविद -19 महामारी में अधिकारी हफ्तों में आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) प्रदान करते हैं।

जानिए अतीत में अन्य उल्लेखनीय टीकों को विकसित करने में कितना समय लगा?

इन्फ्लुएंजा (Influenza )–  Covid  -19 के समान, इन्फ्लूएंजा एक श्वसन की  बीमारी है जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होती है। ये  1918-1919 में सबसे विनाशकारी बीमारियों में से एक रही है जिसका नाम “स्पैनिश” इन्फ्लूएंजा महामारी था , जिसके कारण दुनिया भर में अनुमानित 21 मिलियन मौते हुई थी ।1930 के दशक के मध्य में ही इन्फ्लूएंजा के टीकों का पहला नैदानिक ​​परीक्षण किया गया था। लगभग आठ साल बाद, 1942 और 1944 के बीच निष्क्रिय टीकों की प्रभावकारिता और सुरक्षा का अध्ययन किया गया था। फिर 1945 में, US  में वैक्सीन को लाइसेंस दिया गया था।

पोलियो (Polio): पहली प्रमुख पोलियो महामारी 1894 में अमेरिका के Vermont, में हुई व 1916 में, 27,000 से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो गए और कम से कम 6,000 लोगों की इससे मौत हो गई। हालाँकि पोलियो वैक्सीन विकसित करने का काम 1930 के दशक में शुरू हो चूका था, लेकिन 1953 में ही पोलियो के प्रभावी शॉट की घोषणा  Dr Jonas Salk. द्वारा की गयी थी। प्रारंभ में, साल्क ने कम संख्या में पूर्व पोलियो रोगियों, उनकी पत्नी और तीन बेटों पर अपने निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन का परीक्षण किया। 1954 में, 1 मिलियन से अधिक प्रतिभागियों को बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगाया गया । पर वैक्सीन को 1955 के अंत में अमेरिकी सरकार द्वारा उपयोग के लिए सुरक्षित और प्रभावी घोषित किया गया था।

चेचक (Small Pox ) -अब तक, केवल चेचक जैसी बीमारी को ही  टीकाकरण द्वारा आधिकारिक रूप से पूरी तरह मिटा दिया गया है। WHO के अनुसार, यह 1798 में था कि UK  के Edward जिनने  ने पहला सफल चेचक का टीका बनाया था। हालाँकि 1959 में आकर चेचक के टीकों के उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए दिशानिर्देशों को अपनाया गया था। यह बीमारी,जिसमे  मृत्यु दर 30-40 प्रतिशत थी, अंततः 1980 तक पूरी तरह  समाप्त हो गई।

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