भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (assembly elections) में करीब 15 महीने का समय बाकी रह गया है, लिहाजा प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. बीते 6 महीने की बात की जाए तो देश के दो शीर्ष नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह (Narendra Modi and Amit Shah) के राजधानी भोपाल के दौरे हो चुके हैं. वहीं कांग्रेस को मजबूती देने एआईसीसी ने भी अपने पदाधिकारियों को मैदान में उतार दिया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के भोपाल दौरे के बाद अब भाजपा संगठन और भी ज्यादा सक्रियता से मैदान पर काम करेगा. इसके पीछे की वजह यह है कि अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक में चुनाव को लेकर कई टिप्स दिए हैं. विशेष तौर पर भाजपा का फोकस बूथ स्तर पर रहेगा. भाजपा आगामी चुनावों में भी बूथ जीतो, चुनाव जीतो के फार्मूले पर काम करेगी. साथ ही त्रिदेव और सोशल मीडिया वॉरियर्स (Tridev and Social Media Warriors) के माध्यम से जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूती देने की कोशिश की जा रही है.
वहीं चुनावी तैयारियों में कांग्रेस भी पूरी ताकत झोंक रही है. कांग्रेस ने अभी से संगठन को मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है. जहां एक ओर मध्य प्रदेश के बड़े नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं, तो वहीं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee) ने अपने सचिवों को मध्यप्रदेश भेज दिया है. कांग्रेस के सचिव और राष्ट्रीय प्रभारी सीपी मित्तल और सुधांशु त्रिपाठी आज से प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं.
सीपी मित्तल आज से हरदा, बैतूल और नर्मदापुरम का दौरा करेंगे तो वही सुधांशु त्रिपाठी ग्वालियर, राजगढ़ जिले में पार्टी संगठन की बैठक लेंगे. पार्टी के सचिवों द्वारा जमीनी हकीकत का एनालिसिस कर एक रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है जो कि पीसीसी चीफ कमलनाथ को सौंपी जाएगी. इसके आधार पर पार्टी अपनी आगामी रणनीति और चुनावी मुद्दे तय करेगी. कांग्रेस का विशेष फोकस उन जिलों पर है जहां संगठन कमज़ोर रहा है. इन क्षेत्रों में बूथ स्तर तक टीम बनाई जा रही है.
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