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    चाकू, छुरे चलाने वाले कैदी अब गाडिय़ों में पेट्रोल डालेंगे पहरेदारी करने वाले जवान हिसाब-किताब रखेंगे

  • October 17, 2020

    • सेंट्रल जेल की जमीन पर खुलने वाले पेट्रोल पम्प का इसी सप्ताह होगा भूमिपूजन
    • 45 दिनों तक लगातार काम चलेगा, जेल विभाग का हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के साथ विशेष अनुबंध

    इन्दौर, राजेश मिश्रा। जरा सी बात पर चाकू-छुरे चलाकर किसी की जान लेने वाले खूंखार कैदी अब आम लोगों की गाडिय़ों में पेट्रोल-डीजल भरते हुए नजर आएंगे और कैदियों की पहरेदारी करने वाले जवान पेट्रोल-डीजल का हिसाब-किताब रखेंगे। सेंट्रल जेल की जमीन पर शुरू होने वाले इस पहले पेट्रोल पम्प का भूमिपूजन इसी सप्ताह होगा। 45 दिनों तक लगातार काम चलेगा और 46वें दिन पम्प शुरू भी हो जाएगा। लम्बी जद्दोजहद के बाद पेट्रोल पम्प के संचालन की जिम्मेदारी सेंट्रल जेल प्रशासन को मिली है।

    सेंट्रल जेल प्रशासन ने अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से अपनी खाली पड़ी जमीनों पर पेट्रोल पम्प खोलने की योजना बनाई थी, जिसके लिए सबसे पहले इंदौर की सेंट्रल जेल की जमीन का चयन किया गया था। पेट्रोल पम्प खोलने के लिए जेल विभाग का हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के साथ विशेष अनुबंध भी हुआ है। इंदौर से पम्प की शुरुआत होने के बाद इसी तरह का पम्प भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, देवास जैसे शहरों में भी शुरू होना है। लम्बे समय से पम्प के संचालन की प्रक्रिया चल रही थी। इसके लिए जेल प्रशासन ने कॉर्पोरेशन द्वारा चयनित की गई जमीन को समतल करते हुए यहां बाधक पेड़ों को हटाने के साथ-साथ पुराने स्टाफ क्वार्टर को भी तोड़ दिया था। पेट्रोल पम्प का काम शुरू होने के पहले ही कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो गया और काम रुक गया। अब तमाम तरह की बाधाएं दूर हो चुकी हैं और इसी सप्ताह नवरात्रि में ही पम्प शुरू करने से पहले कार्य का भूमिपूजन होगा। जेल प्रशासन ने जो योजना बनाई है उसके हिसाब से 45 दिनों तक लगातार काम चलेगा और 46वें दिन पम्प शुरू भी हो जाएगा।

    संचालन की जिम्मेदारी जेल प्रशासन को मिली
    पूर्व में तय हुआ था कि पेट्रोल पम्प तो जेल विभाग का रहेगा, मगर इसका संचालन हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाएगा। पम्प पर कार्य करने की जिम्मेदारी जेल विभाग के परिवारजनों और कैदियों को सौंपी जाएगी, मगर पूरे पेट्रोल पम्प का संचालन जेल प्रशासन को ही मिल गया है। कैदी पेट्रोल-डीजल डालने का काम करेंगे तो जेल के जवान पम्प के रखरखाव और तमाम खर्च का हिसाब रखेंगे।

    रहवासियों की आपत्ति भी काम नहीं आई
    सेंट्रल जेल की जमीन पर खुलने वाले पेट्रोल पम्प का आसपास के रहवासी क्षेत्र, जिनमें स्नेहलतागंज सहित अन्य शामिल हैं, के रहवासियों ने विरोध जताया था। इसके लिए वे जेल डीजी संजय चौधरी, जेल डीआईजी संजय पांडे, सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश भांगरे से भी मिले थे। रहवासियों का कहना था कि पम्प के संचालन से आसपास का क्षेत्र प्रदूषित होगा और रहवासी क्षेत्र में अग्निकांड जैसी घटना का भी डर लगा रहेगा। हालांकि रहवासियों की आपत्ति काम नहीं आई। उन्होंने कोर्ट में भी यायिका दायर की थी।

    सभी विभागों की एनओसी मिली
    पेट्रोल पम्प के संचालन के लिए किसी तरह की बाधा न आए इसके लिए जेल प्रशासन ने 60 से अधिक विभागों से एनओसी हासिल कर ली है। इनमें जिला प्रशासन, आईडीए, नगर निगम, पुलिस प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यातायात विभाग, फायर ब्रिगेड सहित अन्य विभाग शामिल हैं। सभी की एनओसी जेल प्रशासन को प्राप्त हो गई है, ताकि पम्प शुरू होने के बाद किसी तरह की परेशानी न आए।

    अधिकारियों की निगरानी में ही संचालित होगा पेट्रोल पंप
    जेल की जमीन पर पेट्रोल पम्प की सौगात शीघ्र ही आम लोगों को मिलने जा रही है। पम्प शुरू होने पर जेल प्रशासन का प्रयास रहेगा कि आम लोगों को शुद्ध और सही मात्रा में पेट्रोल-डीजल उपलब्ध हो। पम्प के संचालन की जिम्मेदारी जेल प्रशासन के पास ही रहेगी और अधिकारियों की निगरानी में ही पम्प संचालित होगा।
    राकेश भांगरे, सेंट्रल जेल अधीक्षक

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