नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड (Kisan Tractor Rally Violence) के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने 9 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने जो एफआईआर की है उसमें आरोप है कि पुलिस द्वारा ट्रैक्टर रैली के लिए जो एनओसी जारी हुई थी, उनका पालन नहीं हुआ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव के खिलाफ भी दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार दिल्ली पुलिस की एफआईआर में किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में जारी एनओसी के उल्लंघन के लिए किसान नेताओं दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जिल और जोगिंदर सिंह उग्राहां के नामों का जिक्र है। FIR में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है। हालांकि यह एफआईआर किन धाराओं में दर्ज की गई है, समाचार लिखे जाने तक इसकी जानकारी नहीं हो सकी थी।
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने शहर में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 200 लोगों को हिरासत में लिया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।इसके साथ ही पुलिस ने दिल्ली वेस्टर्न ज़ोन में 93 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
इससे पहले बुधवार को दिल्ली पुलिस ने हिंसा को लेकर IPC की धारा 395 (डकैती) ,397 (डकैती, चोरी या किसी को नुकसान पहुंचाने की मंशा से हमला करना) , 120 बी(आपराधिक साजिश की सजा) और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने बताया कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में FIR दर्ज की गई है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी।
कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।
अतिरिक्त पीआरओ अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
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