दौसा। कृषि कानूनों के विरोध में जिला मुख्यालय स्थित राजेश पायलट स्टेडियम में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। संयुक्त किसान संगठन के बैनर तले आयोजित की गई महापंचायत को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत कई विधायकों ने सम्बोधित किया। महापंचायत में भीड़ जुटाने की पूरी कवायद दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा व बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा ने संभाली, लेकिन कांग्रेस के लालसोट विधायक व उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा तथा सिकराय विधायक व महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।
सभा को सम्बोधित करते हुए पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का झांसा देकर तीन कानून पारित किए हैं, इनसे कार्पोरेटस का दबदबा बढ़ेगा, किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा। इसके साथ ही कांट्रेक्ट फार्मिंग के नुकसान किसानों को आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार व भाजपा के लोग किसानों को आंतकवादी, खालिस्तानी आदि नामों से सम्बोधित कर किसानों का अपमान कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पायलट ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान लालकिले पर कुछ असामाजिक तत्वों ने तिरंगे का अपमान किया, जिसकी मैं कडी निंदा करता है। देश का अपमान करने वाली ऐसी कायराना हरकत करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। पायलट ने कृषि कानूनों को वापस लेने की वकालत करते हुए किसानों के हित में हमेशा साथ देने की बात कही।
दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की। महापंचायत में चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, मसूदा विधायक राकेश पारीक, विधायक सुरेश मोदी, पीआर मीणा, हरीश मीणा, जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़, पूर्व जिला प्रमुख गीता खटाणा समेत कई नेता उपस्थित रहे। महापंचायत में बडी संख्या में आई भीड़ को देखकर पायलट खेमे के नेता गदगद नजर आए। सियासी चर्चा यह भी है कि मंत्रीमंडल विस्तार व राजनैतिक नियुक्तियां आगामी कुछ समय के लिए टल जाने से पायलट समर्थक विधायक नाराज हैं। ऐसे में दबाव बनाने के लिए पूर्वी राजस्थान के जिलों में किसान महापंचायतों का आयोजन कर सचिन पायलट फिर से ताकत दिखाने का प्रयास करेंगे। इसी रणनीति के तहत आगामी दिनों में भरतपुर के बयाना, करौली, जयपुर व टोंक क्षेत्र में किसान महापंचायतों का आयोजन प्रस्तावित है। इन महापंचायतों के माध्यम से पार्टी में पायलट विरोधी धडे व आलाकमान को संदेश देने का प्रयास किया जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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