नई दिल्ली (New Dehli)। सरकार के साथ रविवार रात हुई चर्चा के बाद आंदोलन (Agitation)कर रहे किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन (‘Delhi Chalo’ demonstration)दो दिनों के लिए रोकने की बात कही है। खबर है कि किसान दो दिनों के दौरान सरकार (government during)की तरफ से पेश MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य के नए प्रस्ताव को समझेंगे और फिर आगे की नई रणनीति तय करेंगे। बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान अगले दो दिनों में सरकार के प्रस्ताव का अध्ययन करेंगे। इस दौरान दिल्ली कूच नहीं करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है, ‘हम हमारे फोरम में 19 और 20 फरवरी को चर्चा करेंगे और जानकारों की इसपर राय लेंगे। इसके आधार पर ही आगे का फैसला लिया जाएगा।’
उनका कहना है कि कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर चर्चा बाकी है और हमें उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इनका भी समाधान हो जाएगा। उन्होंने दिल्ली चलो मार्च को फिलहाल रोक दिया गया है, लेकिन अगर सारे मुद्दों का समाधान नहीं हुआ तो 21 फरवरी को सुबह 11 बजे इसे दोबारा शुरू किया जाएगा।
इससे पहले भी सरकार और किसानों के बीच फरवरी में तीन दिन 8, 12 और 15 को वार्ता हो चुकी है। पंजाब और हरियाणा के किसान मांगों को लेकर शंभू और खनौरी पर डटे हुए हैं।
पांच साल के समझौते का प्रस्ताव
गोयल ने किसान नेताओं के साथ वार्ता समाप्त होने के बाद रविवार देर रात कहा कि सरकार ने सहकारी समितियों NCCF (भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित) और NAFED (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) को MSP पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय कपास निगम (CCI) द्वारा एमएसपी पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया गया है। गोयल ने बताया कि किसान नेता सरकार के प्रस्तावों पर अपने निर्णय के बारे में सोमवार तक सूचित करेंगे। गोयल ने बैठक समाप्त होने के बाद कहा कि किसानों के साथ वार्ता सद्भावनापूर्ण माहौल में हुईं।
उन्होंने कहा, ‘हमने सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को एमएसपी पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है।’ गोयल ने कहा, ‘हमने प्रस्ताव दिया है कि भारतीय कपास निगम (CCI) एमएसपी पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करेगा।
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