नई दिल्ली। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा केवल भारत में ही कुछ आकउंट को बंद करने के निर्देश के तहत उसने कुछ अकाउंट पर रोक लगाई है। हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा। ट्विटर ने जोर देकर कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह सक्रियता से भारतीय कानून के तहत विकल्पों पर विचार कर रही है जो ट्विटर एवं उपयोगकर्ताओं के खातों को प्रभावित करते हैं।
सरकार ने ट्विटर से ऐसे कई अकाउंट को बंद करने को कहा जिनसे कथित तौर पर देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक एवं भड़काऊ सूचनाएं साझा की जा रही हैं। सरकार ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है। इस बारे में रुख स्पष्ट करने की मांग पर ट्विटर ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि नुकसानदेह सामग्री कम नजर आए इसके लिए उसने कदम उठाए हैं जिनमें ऐसे हैशटैग को ट्रेंड करने से रोकना एवं खोजने के दौरान इन्हें देखने की अनुशंसा नहीं करना शामिल है।
ट्विटर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी इन उपायों को लागू करने की जानकारी दे दी है। ट्विटर ने रेखांकित किया कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सभी आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है। इनमें ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थायी रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि 257 ऐसे ट्विटर हैंडल्स हैं, जिन्होंने आपत्तिजनक हैशटैग के साथ पोस्ट किया था, कुछ ही दिन पहले इनमें से 126 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है। इसके अलावा 1,178 हैंडल्स पर सरकार को शक है कि वो खालिस्तानी, पाकिस्तानी तत्वों से जुड़े हुए हैं, जो गलत सूचना प्रसार करते हैं, ऐसे 583 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है। आईटी एक्ट की धारा 69A(3) के तहत ट्विटर के उच्च अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि उन्हें सात साल की जेल हो सकती है।
सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ट्विटर एक मध्यस्थ के तौर पर काम करता है, इसलिए भारत सरकार निर्देशों का पालन करना उसकी जिम्मेदारी है। ट्विटर अगर ऐसा करने से मना करता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा। बता दें कि ट्विटर की कंटेट पर निगरानी रखने की अपनी एक अलग नीति है लेकिन सरकार के दबाव के बाद कंपनी को उन अकाउंट्स को ब्लॉक करना पड़ रहा है, जिसे सरकार ने आपत्तिजनक बताया है।
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