जोधपुर । हवेली संगीत के कीर्तनिया और पखावज वादक संत सांचोरा सूरदास महाराज का राजस्थान के जोधपुर में निधन हो गया। वह 106 वर्ष के थे। संस्कृत साहित्य के विद्वान, ज्योतिषाचार्य, संगीतकार सूरदास मगराज जी महाराज ने अपने चौपासनी ग्राम स्थित आवास में अंतिम सांस ली।
उन्होंने अंध महाविद्यालय , देहरादून से संगीत और ज्योतिष की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। 50 वर्षों तक उन्होंने चौपासनी के पुष्टिमार्गीय श्याम मनोहर प्रभु के मंदिर में कीर्तनिया के रूप में अपनी सेवाएँ दीं । हवेली गायकी और पखावज वादन के वे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाविद थे ।
सरल हृदयी सूरदास जी आजीवन ब्रह्मचारी थे । अपनी सहज विद्वता और संगीत -सिद्ध होने के कारण आमजन में वह बेहद लोकप्रिय होने के साथ कई राजनीतिज्ञों, प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षाविदों आदि में भी बहुत सम्मान के साथ याद किये जाते थे। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से उनके भक्त दर्शनार्थ उपस्थित होते थे । जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज उनके निधन पर शोक अभिव्यक्त किया।
संत सूरदास जी महाराज पर कई कार्यक्रमों का निर्माण हो चुका है। वह आकाशवाणी के ए-ग्रेड कलाकार रह चुके थे । उन पर बनी लघु फ़िल्म ‘रमता जोगी’ बहुचर्चित रही ।
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