शिमला । हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर जिला (Kinnaur District) के निगुलसरी में नेशनल हाईवे पर हुए भूस्खलन (landslide) में लापता लोगों की तलाशी में जुटी टीमों ने पांच दिन बाद दो और शव बरामद कर लिए हैं। सोमवार को दोनों शव क्षत-विक्षत अवस्था में मलबे व पत्थरों के नीचे से निकाले गए हैं और इनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। इस दर्दनाक हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा ने सोमवार को बताया कि आज सुबह दो शवों की बरामदगी के साथ अबतक 25 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। वहीं हादसे के शिकार कुछ लोग अभी भी लापता हैं और इनकी तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर पहाड़ी से पत्थरों के गिरने की आशंका की वजह से बचाव अभियान बाधित हो रहा है।
गौरतलब है कि बचाव दलों ने हादसे के बाद 13 लोगों को सुरक्षित बचाया है। इनमें दो गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि 11 अन्य को आंशिक चोटें लगी हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की फौरी राहत की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राज्यसभा सदस्य जगत प्रकाश नड्डा ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है।
निगुलसरी में बीते 11 अगस्त को दोपहर 12 बजे एचआरटीसी की एक बस, एक ट्रक, एक जीप और दो कारें भूस्खलन की चपेट में आए थे। जीप का अभीतक पता नहीं लग पाया है। वहीं हादसे के 20 घंटे बाद एचआरटीसी बस का सुराग मिल पाया। ये बस बुरी तरह चकनाचूर हो चुकी है और इसमें सवार अधिकतर लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। बस के चालक व परिचालक सहित 13 लोगों को बचाव दल सुरक्षित बचाने में कामयाब रहे। हादसे के बाद कई लोग लापता हैं। आईटीबीपी, एनडीआरएफ एवं पुलिस की टीमें पिछले छह दिनों से राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बरसात के मौसम में भूस्खलन, बाढ़ एवं बादल फटने की घटनाओं में हर साल सैंकड़ों लोग मारे जाते हैं। इस वर्ष मानसून सीजन में अबतक बारिश से जुड़े हादसों में 266 लोगों की मौत हुई है। मानसून सीजन में बारिश के कारण चल एवं अचल संपति को 789 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।
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