नई दिल्ली। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक King of Bhutan Jigme Khesar Namgyel Wangchuck() ने बुधवार को अपने भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से उनके आवास पर मुलाकात है। पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। इस दौरान दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर बात हुई। इससे पहले वह विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा (Foreign Secretary Vinay Mohan Kwatra) से भी मिले थे।
एक विशेष संकेत के रूप में पीएम मोदी ने अतिथि गणमान्य व्यक्ति का स्वागत किया और विदा किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि भारत में भूटान के राजदूत मेजर जनरल वेस्तप नामग्याल ने सचिव ईआर दम्मू रवि को समझौते के कागज सौंप दिए हैं।
इस दौरान इंटरनेशनल सोलर अलाएंस के डीजी भी मौजूद थे। भारत और भूटान के बीच सबसे अहम समझौता मैत्रा एवं सहयोग का है। इसे दोनों देशों के बीच 1949 में किया गया था। इसका मकसद दोनों देशों के बीच शांति स्थापना और एक-दूसरे के मुद्दों में दखल ना देना है। इस समझौते को 2007 में फिर से किया गया था।
भूटान की सीमा भारत के चार राज्यों से मिलती है। इनमें असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम हैं. चीन को देखते हुए भूटान भारत के लिए अहम देश है। ऐसा चिकेन नेक कॉरीडोर को सुरक्षित रखकर किया जाता है। चिकेन नेक कॉरीडोर को सिलीगुड़ी कॉरीडोर भी कहा जाता है। यह 22 किमी का संकरा इलाका है। ये पश्चिम बंगाल में स्थित है। वहीं दोनों देशों के बीच व्यापार इंडिया-भूटान ट्रेड एंड ट्रांजिट एग्रीमेंट के आधार पर होता है। इसे 1972 में किया गया था। कोरोना काल के समय भूटान पहला ऐसा देश था जिसे भारत ने कोविशील्ड वैक्सीन तोहफे के तौर पर दी थी।
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