मास्को (Moscow)। उत्तर कोरिया (North Korea) के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन (Supreme Leader Kim Jong Un) रूस पहुंच गए हैं. उनकी विशेष ट्रेन मंगलवार को रूस (Russia) पहुंच गई. रूस में किम जोंग उन की रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Russian President Putin) से सीक्रेट मीटिंग (secret meeting) होनी है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह सीक्रेट मीटिंग (secret meeting) कहां होगी. सोशल मीडिया पर ट्रेन से उतरते किम जोंग की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
कहा जा रहा है कि वह रूस के व्लादिवोस्तॉक शहर में पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं. इससे पहले सोमवार को कई विदेशी एजेंसियों ने यह खबर दी थी कि उत्तर कोरिया से किम जोंग की स्पेशल ट्रेन रूस के लिए रवाना हो चुकी है। किम जोंग उन और पुतिन की 2019 के बाद यह पहली मुलाकात होने जा रही है. किम की कोरोना के बाद यह पहला विदेशी दौरा है।
रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ी नजदीकियां
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के अधिकारी जॉन किर्बी ने 30 अगस्त को बताया था कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच हथियारों को लेकर बात आगे बढ़ रही है, क्योंकि पुतिन अपनी ‘वॉर मशीन’ को बढ़ाना चाहते हैं।
यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगे हैं. यही वजह है कि अब हथियारों के लिए रूस, उत्तर कोरिया से हाथ मिला रहा है. उत्तर कोरिया ने पिछले साल ही रूस को रॉकेट और मिसाइलें दी थीं।
जॉन किर्बी का दावा है कि उत्तर कोरिया हथियारों की बिक्री के बदले में रूस से टेक्नोलॉजी मांग सकता है. अगर ऐसा होता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उत्तर कोरिया पर भी कई सारे प्रतिबंध लगे हैं. लेकिन अगर उसे रूस से टेक्नोलॉजी मिलती है तो इससे उसके हथियारों का जखीरा बढ़ सकता है।
दोनों के बीच बढ़ रही सैन्य दोस्ती
उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य दोस्ती अच्छी-खासी बढ़ रही है. अमेरिका का दावा है कि सितंबर 2022 में उत्तर कोरिया ने रूस को भारी मात्रा में तोपें और गोला-बारूद दिया था. जनवरी 2023 में भी उत्तर कोरिया ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन की प्राइवेट आर्मी कहे जाने वाले वैगनर ग्रुप को रॉकेट और मिसाइलें मुहैया कराई थीं. इतना ही नहीं, अमेरिका ने उत्तर कोरिया और रूस की सीमा की एक सैटेलाइट तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें एक ट्रेन घातक हथियारों को ले जाते दिख रही थी।
किम को बदले में क्या मिलेगा?
अगर पुतिन और किम जोंग के बीच हथियारों को लेकर कोई डील होती है तो जाहिर है कि इससे यूक्रेन में जंग लड़ रहे रूस को फायदा होगा. लेकिन सवाल ये उठता है कि इससे किम जोंग-उन को क्या मिलेगा? अगर बात बनती है तो इससे उत्तर कोरिया को रेवेन्यू जेनरेट करने में काफी मदद मिलेगी. ये उसके लिए राहत की बात होगी, क्योंकि प्रतिबंधों की वजह से वहां कई चीजों की किल्लत है. इसके साथ ही उत्तर कोरिया का डिफेंस एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved