प्योंगयांग । दक्षिण कोरिया (South Korea) में राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) से पहले उत्तर कोरिया (North Korea) ने एक सप्ताह में दूसरी बार जासूसी सैटेलाइट सिस्टम का परीक्षण (spy satellite system test) कर माहौल को गरम कर दिया है। इससे पहले किम जोंग (kim jong) ने शनिवार को भी एक गुप्त मिसाइल का परीक्षण किया था। इन सब के बीच विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यह दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति के चुनाव से पहले एक तरह की साजिश है। बता दें कि किम जोंग उन पर वैश्विक दबाव का कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। देश के शासक किम जोंग लगातार अपने सैन्य हथियारों और उससे जुड़े उपकरणों का आधुनिकीकरण करने में जुटे हैं।
शनिवार को भी किया था मिसाइल टेस्ट
इससे पहले उत्तर कोरिया ने शनिवार सुबह एक अज्ञात मिसाइल की टेस्टिंग कर आसपास के देशों को चौंका दिया। यह मिसाइल कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में सागर की ओर दागी गई थी। बता दें कि उत्तर कोरिया इस साल अब तक कुल नौ मिसाइल टेस्टिंग कर चुका है।
जनवरी में भी किया था सात हथियारों का परीक्षण
उत्तर कोरिया ने जनवरी के महीने में भी सात हथियारों का परीक्षण किया था जिसमें 2017 के बाद से बनाई गई सबसे शक्तिशाली मिसाइल भी शामिल है। उस दौरान कहा गया कि यहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उकसाने के लिए यह कदम उठाया था।
दक्षिण कोरिया ने बताया संकट
दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ ने इस मिसाइल की टेस्टिंग को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रिजालूशंस का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि लगातार इस तरह की टेस्टिंग दुनिया के लिए खतरनाक है। इसपर तत्काल रोक लगनी चाहिए। वहीं इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने भी हथियार कार्यक्रम के विस्तार के प्रति चिंता प्रकट की थी और कहा कि उत्तर कोरिया एक बार फिर लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण शुरू कर सकता है जिससे क्षेत्र में युद्ध का माहौल फिर से बनने की संभावना है।
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