डेस्क: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. अब उन्होंने अपने देश के नागरिकों को ऐसा आदेश दे दिया है, जिससे लोग परेशान हैं. किम जोंग खाद फैक्ट्रियों में 10 किलो सूखा मल जमा कराने का आदेश दिया है. यह काम देश के सभी नागरिकों को करना होगा. बताया जा रहा है कि नॉर्थ कोरिया खाद के संकट से जूझ रहा है, ऐसे में किम जोंग ने पॉटी बटोरने का आदेश दिया है.
उत्तर कोरिया दुनिया के सामने खुद को हमेशा अमीर और परफेक्ट दिखाने का प्रयास करता है, इसी वजह से उत्तर कोरिया में घूमने वालों को फोटो क्लिक करने का आदेश नहीं है. किम जोंग जो चाहता है, वही दुनिया देख पाती है. किम जोंग की तरफ से दुनिया के सामने ऐसे चित्र शेयर किए जाते हैं, जिससे लगे की उत्तर कोरिया में खुशहाली ही भरी है. दूसरी तरफ असल सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है. उत्तर कोरिया इस समय खाद के गंभीर संकट से जूझ रहा है. ऐसे में देश के तानाशाह ने अजीबो गरीब आदेश दिया है. अब इस आदेश से उत्तर कोरिया के लोग काफी परेशान हैं.
किम जोंग ने देश के नागरिकों से अपना 10 किलो सूखा मल इकट्ठा करके जमा कराने को कहा है, जिससे देश में खाद की कमी को दूर किया जा सके. किम जोंग चाहता है कि उनके देश का हर नागरिक 10 किलो मल इकट्ठा करके नजदीकी खाद फैक्टरी में जमा कराए. किम जोंग का यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब हाल के दिनों में उत्तर कोरिया की तरफ से मल भरे गुब्बारे दक्षिण कोरिया में भेजे जा रहे थे. उत्तर कोरिया के लोग किम के आदेश से परेशान हैं, क्योंकि आमतौर पर इस तरह के आदेश सर्दियों के महीनों में दिया जाता है. इसके पहले किम जोंग मूत्र इकट्ठा करने का भी आदेश दे चुके हैं, जिससे यूरिया की कमी पूरा हो सके.
उत्तर कोरिया में इस बार गर्मी में मल इकट्ठा करने को कहा गया है. हालांकि जो लोग यह काम नहीं करना चाहते वे कुछ पैसा जमा करके इस आदेश से बच सकते हैं. द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रयांगगांग प्रांत के एक निवासी ने बताया कि मल इकट्ठा करने से बचने के लिए 5000 वॉन लगभग 500 भारतीय रुपये देने पड़ेंगे. यह रकम उत्तर कोरिया के कई गरीब लोगों के लिए काफी बड़ी रकम है. नागरिक ने कहा कि गर्मियों के महीनों में मक्खिया अधिक होती हैं, ऐसे में मल सुखाने का काम काफी कठिन है. इसके अलावा जो लोग अलग घर में रहते हैं, वे लोग तो इसे कर सकते हैं, लेकिन जो लोग अपार्टमेंट में रहते हैं, उनके लिए काफी कठिन काम है.
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