लडक़ी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की मुजरिम की शिनाख्त
इंदौर। डेढ़ साल पहले मासूम को अगवा कर ले जाता धराए युवक को अब सबक सिखाते हुए विशेष अदालत ने पांच साल के लिए जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है।
सूत्रों के अनुसार घटना 14 जुलाई 2021 की रात दो बजे की है। राखी का त्यौहार होने से 7 साल की मासूम बालिका विजयनगर में रहनेवाले अपने मामा के घर आई हुई थी। वह सो रही थी, तभी मुजरिम संतोष शर्मा पिता अंबालाल 37 साल निवासी गांधीनगर घर में घुसा और बालिका का अपहरण करके ले जाने लगा, बच्ची ने शोर मचाया।
खटपट सुनकर लडक़ी का मामा जागा तो मुजरिम ने उन्हें धमकाया कि वह उसके रास्ते में आड़े नहीं आए। यदि बीच में आया तो उसे जान से खत्म कर देगा। यह कहकर उसने लडक़ी को उठाकर घर के बाहर खड़ी मैजिक में डाल दिया। इस दौरान शोर शराबा होने पर मुजरिम को लोगों ने पकड़ लिया। मामला पॉक्सो एक्ट के तहत गठित विशेष अदालत में चला तो मुजरिम ने बचाव लिया कि उसे झूठा फंसाया गया है किंतु वह अपने बचाव में कोई सबूत पेश नहीं कर पाया। कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से बालिका ने जेल में बंद मुजरिम को देखा तो झट से पहचान लिया कि वहीं व्यक्ति उसे उठाकर ले जा रहा था। वीडियो कांफ्रेंसिंग से पुष्टि होने के बाद मुजरिम को कोर्ट ने अपहरण व घर में आधी रात में घुसने के जुर्म में दोषी करार दिया तो मुजरिम ने खुद को प्रायवेट बस का ड्राइवर बताते हुए रहम की गुहार लगाई। विशेष न्यायाधीश पावस श्रीवास्तव ने मुजरिम संतोष को आईपीसी की धारा 458 व 363 के तहत पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है। उस पर दो हजार रूपए का जुर्माना भी किया गया है।
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