मलप्पुरम: केरल के मल्लपुरम जिले में साल 2019 में अगवा किये गए एक पारंपरिक चिकित्सक की मौत के मामले का खुलासा अब हुआ है. चिकित्सक को साल 2019 में उसे उसके घर से अगवा कर लिया गया था. केरल पुलिस के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने उसे अगवा कर एक घर में एक साल से अधिक समय तक बंद कर रखा था. इस दौरान वह पीड़ित को टॉर्चर करते रहे ताकि पारंपरिक चिकित्सक बवासीर के इलाज के लिए बनाई जाने वाली दवा का गुप्त सूत्र उन्हें बता सके.
फिर जब उसने दवा का गुप्त सूत्र नहीं बताया तो उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई. पीड़ित कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला था. हत्या के इस मामले में पुलिस ने मलप्पुरम जिले के 42 वर्षीय मुख्य आरोपी शैबिन अशरफ और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. मृतक की पहचान 60 वर्षीय शबा शेरिफ के रूप में हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि शैबिन और उसके साथियों ने अगस्त 2019 में बवासीर का इलाज करने वाले शबा का अपहरण कर लिया. इसके बाद उसे मलप्पुरम के नीलांबुर में एक कमरे में जंजीर से बांधकर रखा. आरोपित शैबिन बवासीर के इलाज के लिए पारंपरिक चिकित्सक द्वारा तैयार की गई पारंपरिक दवा के रहस्य को निकालना चाहता था और इसके जरिये पैसा कमाना चाहता था.
पुलिस ने बताया कि जब 60 वर्षीय पारंपरिक चिकित्सक शबा ने इस रहस्य का खुलासा नहीं किया, तो शैबिन और उसके लोगों ने उसे टॉर्चर किया और उसके शरीर को कई टुकड़ों में काट कर एक नदी में फेंक दिया. अपहरण के लगभग 14 महीने बाद उसकी हत्या अक्टूबर 2020 में कर दी गई थी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि तब मैसूर जिले की पुलिस ने इस मामले को रफा-दफा कर दिया था. वहीं इस मामले का खुलासा इस साल बीते 29 अप्रैल को हुआ. जब पांच लोगों ने राज्य सचिवालय के सामने आत्मदाह करने की धमकी दी. यह दावा करते हुए कि शैबिन ने उन्हें धोखा दिया था और उन्होंने उसके इशारे पर अपराध किया था. एक युवक सचिवालय के सामने अपने ऊपर तेल छिड़क कर लोगों की भीड़ के बीच जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया कि हमारी जिंदगी खतरे में है, हमें शैबिन ने धोखा दिया है. हमने शैबीन के इशारे पर हत्या समेत कई गुनाह किए थे. हमारे पास सबूत हैं.
इस दौरान टी. नौशाद नाम के युवक ने यह दावा करते हुए पेन ड्राइव दिखाया कि इसमें हत्या के सबूत हैं. इसके बाद उन 5 युवकों को तिरुवनंतपुरम के एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में ले जाया गया. जहां पांचों ने कबूल किया कि जब शैबिन ने वारदात को अंजाम देने के पैसे नहीं दिये तो उन्होंने 24 अप्रैल को नीलांबुर में शैबिन के घर पर डकैती डाली. इस दौरान उन्होंने 7 लाख रुपये, चार महंगे मोबाइल फोन और तीन लैपटॉप लूट लिए.
इसके बाद नीलांबुर में पुलिस ने हत्या के आरोपों की जांच करने का फैसला किया. आरोपितों द्वारा दिये गए पेन ड्राइव की जांच की गई. जिसमें पाया गया कि शैबिन और अन्य युवक एक व्यक्ति को प्रताड़ित कर रहे हैं. इसके बाद, जब मैसूर पुलिस के पास जांच पहुंची तो पाया गया कि वीडियो में जिस व्यक्ति को प्रताड़ित किया जा रहा है, उसका नाम शबा है. मामले की पुष्टि होने के बाद, शैबिन, पी शहाबुद्दीन, टी नौशाद और एन निषाद को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.
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