वैंकुवर (vancouver) । कनाडा (Canada) में भारतीय राजनयिकों (Indian diplomats) का खालिस्तानियों (Khalistanis) ने एक बार फिर से घेराव किया है। खालिस्तान के मुद्दे पर ही दोनों देशों के बीच तनाव चल रहा है और इसके बाद भी अलगाववादी तत्व बाज नहीं आ रहे। बुधवार को कनाडा के वैंकुवर में भारतीय कौंसुलेट के अधिकारियों ने एक कैंप लगाया था। यह कैंप वहां रह रहे भारतीय पेंशनरों को लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए लगा था। इसी दौरान खालिस्तानी तत्वों ने वेन्यू के बाहर घेराव किया। यही नहीं इन लोगों ने आगे भी ऐसे ही प्रदर्शन करने की धमकी दी है। भारतीय अधिकारियों ने यह कैंप खालसा दीवान सोसायटी गुरुद्वारा में किया था, जो ब्रिटिश कोलंबिया के एबट्सफोर्ड में स्थित है।
इसी दौरान खालिस्तानी तत्व गुरुद्वारे के बाहर जमा हो गए और स्थिति ऐसी बन गई कि अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा में बाहर निकालना पड़ा। इस मसले को भारत सरकार सख्ती के साथ कनाडा से उठा चुकी है। इस पर कनाडा ने कहा था कि हम भारतीय राजनयिकों को पूरी सुरक्षा देंगे और किसी भी खालिस्तानी तत्व को हिमाकत नहीं करने देंगे। इसके बाद भी ऐसी घटना चिंता पैदा करने वाली है। दरअसल कुछ महीने पहले कनाडा में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर मारा गया था। उसकी अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
निज्जर की हत्या के बाद से खालिस्तानी बौखलाए हुए हैं और इसमें भारतीय एजेंट्स का रोल बता रहे हैं। सिख्स फॉर जस्टिस नाम के संगठन ने तो चेतावनी दी है कि भारतीय अधिकारी जहां भी जाएंगे, हम वहां प्रदर्शन करेंगे। सिख्स फॉर जस्टिस का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू है। वह कई बार भारत को धमकी दे चुका है। हाल ही में उसने एयर इंडिया के विमानों को भी निशाना बनाने की धमकी दी थी। इसी संगठन ने कनाडा में कई जगहों पर पोस्टर भी लगाए थे और भारतीय अधिकारियों को कैंप बंद करने की धमकी दी थी।
एक कैंप गुरुद्वारे में आयोजित किया गया था। इसके अलावा दो कैंप मंदिर में लगे थे। हाल ही में खालिस्तानियों ने एक सिख परिवार पर भी हमला कर दिया था, जिसने भारत के तिरंगे झंडे को उठाया था। वहीं भारतीय राजनयिकों ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। ऐसे में उन्हें पेंशन, इंश्योरेंस जैसी जरूरतों के लिए दस्तावेजों की जरूरत होती है। उन जरूरतों को पूरा करने के लिए ही हम बीच-बीच में कैंप लगवाते हैं। अधिकारियों ने कहा कि गुरुद्वारे के बाहर करीब 20 खालिस्तानी थे, जो आपत्तिजनक नारे लगा रहे थे। इन लोगों ने यहां दस्तावेज के लिए आए कुछ लोगों से भी बदसलूकी की।
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