नई दिल्ली: ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह और उसके संगठन के खिलाफ चली पुलिस कार्रवाई के बाद खालिस्तानियों ने ब्रिटेन में विरोध-प्रदर्शन किया था. भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारतीय तिरंगे को उतारकर खालिस्तानी झंडा फहराने की कोशिश की थी. उस वक्त दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के राजनयिक को तलब कर भारत ने जवाब मांगा था.
भारत सरकार ने एक बार फिर ब्रिटिश सरकार से खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. राजधानी नई दिल्ली में आयोजित 5वें इंडिया-यूके होम अफेयर्स डायलॉग में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने भारत आए ब्रिटिश डेलिगेशन के सामने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में चूक पर चिंता जाहिर की. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ब्रिटेन में खालिस्तानी कट्टरपंथी, शरणार्थी स्टेटस का दुरुपयोग कर आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और बढ़ावा देने का काम करती है.
खालिस्तानियों पर कार्रवाई की मांग
भारतीय गृह मंत्रालय ने जोर देते हुए कहा, “ब्रिटेन में मौजूद खालिस्तान समर्थक भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देती है. हम इससे चिंतित हैं.” इससे निपटने के लिए भारत सरकार ने ब्रिटेन से बेहतर सहयोग और खालिस्तानी चरमपंथियों पर निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया. 5वें इंडिया-यूके होम अफेयर्स डायलॉग में भारत सरकार ने ब्रिटेन में चल रही अन्य भारत विरोधी गतिविधियों की ओर भी इशारा किया.
बैठक के दौरान दोनों देशों ने पारस्परिक सहयोग की भी समीक्षा की. इसके अलावा ब्रिटेन में काउंटर टेरेरिज्म, साइबर सुरक्षा और ग्लोबल सप्लाई चेन, ड्रग तस्करी, माइग्रेशन और एंट-इंडिया एक्टिवी को रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले उपायों पर चर्चा की. बैठक के बाद दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की.
भारत सरकार ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया
पिछले महीने 19 मार्च को खालिस्तानियों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग से भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को उतारने की कोशिश की थी. भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांगी की थी. भारत ने ब्रिटिश सरकार को कड़ा संदेश देते हुए ब्रिटिश उच्चायोग और उच्चायुक्त के आवास से सुरक्षा बैरिकेड्स हटा दिए थे.
इसके अलावा दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के राजनयिक को भी तलब किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी तिरंगे का अपमान करने वाले खालिस्तानियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. भारत सरकार की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटेन सरकार ने खालिस्तानी समर्थक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने और भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है.
अमृतपाल पर कार्रवाई के बाद ब्रिटेन में खालिस्तानियों ने किया था हंगामा
अमृतपाल सिंह पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारी ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगा रहे थे. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने भारतीय झंडे को उतारने की कोशिश की थी. इस मामले पर भारत ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय उच्चायोग के वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा व्यवस्था में चूक होने पर जवाब मांगा था.
भारत सरकार ने इसे वियना कन्वेंशन के नियमों का उल्लंघन बताया था. समन में विदेश मंत्रालय ने कहा था,” भारत में ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया जा रहा है. हम लंदन के उच्चायोग में अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के कृत्य की निंदा करते है. ब्रिटिश सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में लापरवाही क्यों बरती गई?”
कौन है अमृतपाल सिंह
29 साल का अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक माना जाता है. वह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख है और अलग देश खालिस्तान की मांग करता है. अमृतपाल का नाम पिछले साल पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या में भी सामने आया था. हाल ही में अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ मिलकर पंजाब से अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था, जिसमें छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. अमृतपाल को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है.
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