चंडीगढ़। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Khalistani terrorist Gurpatwant Singh Pannu) के खिलाफ पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने मुकदमा दर्ज किया है। पन्नू ने हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) को सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर जान से मारने की धमकी दी थी। इधर, कैप्टन ने भी पन्नू की धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि पंजाब को अशांत करने वालों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
मंगलवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पन्नू को राज्य की शांति स्थिरता और सांप्रदायिक सद्भावना को भंग करने की किसी भी कोशिश के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और इसके कथित बने जनरल काउंसिल के द्वारा पंजाब का माहौल खराब करने की किसी भी कोशिश का उनकी सरकार करारा जवाब देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी पंजाब की शांति को भंग करने और हमारे लोगों को पुन: आतंकवाद के दिनों में धकेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एसएफजे की माहौल खराब करने और विघटनकारी कार्रवाई का उचित जवाब दिया जाएगा। पंजाब गुरुओं की धरती हैं, जहां हमेशा ही मानवता की एकता की विचारधारा का प्रचार किया जाता है।
इन धाराओं में हुआ मुकदमा
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि पन्नू और उसके साथियों सहित एसएफजे के सदस्यों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) एक्ट, 1967 की धारा 10 (ए), 13 (1) और आईपीसी की धारा 153ए और 124ए के अधीन स्टेट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मोहाली में एफआईआर (नंबर 34) दर्ज की गई की गई है। उन्होंने बताया कि पन्नू को हिंसक आतंकवादी गतिविधियों को भड़काने और संविधान के अनुसार पंजाब के चुने हुए मुख्यमंत्री को मारने की धमकी देने के आरोप में दोषी पाया गया है।
28 अगस्त को पोस्ट किया था वीडियो
28 अगस्त को पोस्ट की वीडियो की प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए डीजीपी ने कहा कि इस वीडियो से मुख्यमंत्री के खिलाफ एक आपराधिक साजिश का स्पष्ट तौर पर पता चलता है, जिसमें मुख्यमंत्री को गोलियों का निशाना बनाते हुए दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिये जांच जारी है। 10 जुलाई 2019 को भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगाया था।
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