वॉशिंगटन। अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास में खालिस्तानी हमले की बड़ी साजिश विफल हो गई है। बता दें कि खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह ने भारतीय दूतावास में हिंसा भड़काने की कोशिश की और अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू को अपशब्द भी कहे। हालांकि अमेरिकी पुलिस और खूफिया विभाग की तत्परता से बड़ी घटना होने से टल गई।
भारतीय राजदूत को कहे अपशब्द
अलगाववादी सिखों का एक समूह शनिवार को वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास के बाहर इकट्ठा हुआ। इस दौरान कई अलगाववादी नेताओं ने समूह को संबोधित किया और भारत के खिलाफ आग उगली। इस दौरान भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू को अपशब्द कहे गए। हालांकि घटना के वक्त भारतीय राजदूत, दूतावास में मौजूद नहीं थे। इस दौरान कट्टरपंथी लोग भीड़ को दूतावास पर हमले के लिए उकसाते दिखे।
लाठी डंडों से लैस होकर आए थे कट्टरपंथी
घटना को कवर कर रहे पत्रकारों का कहना है कि खालिस्तानी प्रदर्शनकारी अपने साथी लाठी-डंडे भी लाए थे और उन्हें प्रदर्शनकारियों ने नजदीक के एक पार्क में रखा हुआ था। इससे साफ है कि प्रदर्शनकारी भारतीय दूतावास पर हमले और तोड़फोड़ की तैयारी से वहां पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों की कोशिश थी कि सैन फ्रांसिस्को और लंदन की तरह भारतीय दूतावास पर हमला किया जाए और तिरंगे का अपमान किया जाए। हालांकि पुलिस की तत्परता से खालिस्तानी अपने मंसूबे में सफल नहीं हुए।
पुलिस की सूझबूझ से विफल हुआ बड़ा हमला
खालिस्तानियों के मंसूबे की भनक अमेरिकी खूफिया एजेंसियों को लग गई। जिसके बाद तुरंत खूफिया विभाग के अधिकारी, भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान भारतीय दूतावास पहुंच गए और दूतावास को सुरक्षा घेरे में ले लिया। इस दौरान कुछ कट्टरपंथियों ने दूतावास के अंदर दाखिल होने की कोशिश की तो पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें चेतावनी देकर वहां से जाने को कह दिया। जिस तरह से खालिस्तानी भीड़ को उकसा रहे थे, उससे हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते थे लेकिन पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
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