वॉशिंगटन: कनाडा (Canada) के वैंकूवर में खालिस्तानी समर्थकों (Khalistan supporters) की ओर से दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Late Prime Minister Indira Gandhi) की हत्या को दिखाने वाली झांकी (Tableau) निकाली गई थी। ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) के 40 साल होने पर यह झांकी निकाली गई थी। अब इसी तरह का मामला अमेरिका (America) में भी देखा गया है, जो फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर भारत विरोध को इजाजत दे रहा है। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने 6 जून को इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाने वाली झांकी निकाली गई। अमेरिका दुनिया को हिंसा न करने का ज्ञान देता है। लेकिन जब खालिस्तान समर्थक भारतीय प्रधानमंत्री की हत्या का महिमामंडन करते हैं तो वह खामोश हो जाता है।
हिंदुओं को डराने की कोशिश
उन्होंने कहा, ‘कनाडा में हिंसा को प्रोत्साहन कभी स्वीकार्य नहीं है।’ गांधी की 1984 में सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इस बीच कनाडा के ‘हाउस ऑफ कामंस’ में नेपियन निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधित्व भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कहा, ‘वैंकूवर में खालिस्तान समर्थक गोलियों से छलनी हिंदू भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शव और साथ में अपनी बंदूक लिये खड़े उनके हमलावर अंगरक्षक के पोस्टर के माध्यम से हिंदू -कनाडाइयों के मन में हिंसा का डर पैदा करने की फिर चेष्टा कर रहे हैं।’
पहले भी दी गई थी धमकी
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू की पार्टी के सांसद आर्य ने कहा, ‘कुछ साल पहले और कुछ महीने पहले ब्रम्पटन में सिख फॉर जस्टिस के (गुरपतवंत सिंह) पन्नू ने हिंदुओं को भारत चले जाने की जो धमकी दी थी, यह उन्हीं धमकियों की निरंतरता है।’ आर्य ने कनाडा की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘यदि इसे यूं ही चलते रहने दिया गया तो संदेश देने के लिए इस्तेमाल की जा रही बंदूक की तस्वीरों से वाकई कुछ ऐसा न हो जाए। इंदिरा गांधी के माथे पर प्रमुखता से बिंदी को दर्शाना यह बिल्कुल सुनिश्चित करना है कि लक्षित निशाने कनाडा में हिंदू हैं।’ भारत कहता रहा है कि कनाडा में अलगाववादियों, आतंकवादियों और भारत-विरोधियों को दी जाने वाली छूट का विषय उसके (कनाडा के) साथ उसका ‘मूल मुद्दा’ बना हुआ है।
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