नई दिल्ली । पंजाब (Punjab) के तरनतारन में रात 1 बजे आतंकियों (terrorists) ने रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड आरपीजी (RPG) से पुलिस थाने (police station) पर हमला (attack) कर दिया. हमले की जिम्मेदारी खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने ली है. पंजाब पुलिस के महानिदेशक गौरव यादव ने कहा है कि हमले में सीधे तौर पर पाकिस्तान शामिल है.
यह पहली बार नहीं है, जब पंजाब में पुलिस बिल्डिंग पर आरपीजी से हमला किया गया है. 7 महीने पहले 9 मई को मोहाली में इंटेलिजेंस बिल्डिंग पर भी आतंकियों ने ऐसा ही हमला किया था. मोहाली हमले की अब- तक जांच चल ही रही थी. इसी बीच फिर से हमला हो गया. इस हमले के बाद फिर से पंजाब में खालिस्तान के एक्टिव होने की बात कही जा रही है. बार-बार खालिस्तान रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड से हमला क्यों कर रहा है. आइए जानते हैं आरपीजी क्या होता है?
रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड क्या होता है?
आरपीजी मिसाइल की तरह का एक विस्फोटक होता है, जिसे कंधे या किसी जगह पर रखकर चलाया जाता है. इसमें रॉकेट मोटर से ग्रेनेड को दागा जाता है. इसके जरिए 200 मीटर दूर से ही किसी बिल्डिंग या जगह को निशाना बनाया जा सकता है. इसके ग्रेनेड में बारूद और विस्फोटक भरा होता है. इसका इस्तेमाल अमूमन युद्ध क्षेत्र में किया जाता है, जिससे किसी टैंक और सैन्य ठिकानों पर निशाना लगाया जा सके. पंजाब में हो रहे आरपीजी अटैक ने जांच एजेंसी की चिंताएं बढ़ा दी हैं.
क्या पंजाब में फिर सिर उठा रहा है खालिस्तान?
खालिस्तान समर्थक पंजाब में नई सरकार बनने के बाद 9 बार पुलिस को खुली चेतावनी दे चुके हैं. पिछले 8 महीने में कई जगहों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए हैं. कई जगहों पर दीवारों पर खालिस्तान की आजादी के नारे लिखे गए. हालांकि, पुलिस सभी जांच की बात कह चुकी है. आइए जानते हैं, 8 महीने में पंजाब में खालिस्तानी की गई वारदातों के बारे में…
कौन-कौन से खालिस्तानी संगठन एक्टिव है?
जांच एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में माहौल बिगाड़ने की साजिश में खालिस्तान कमांडो फोर्स, भिंडरांवाले कमांडो फोर्स ऑफ खालिस्तान, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान लिबरेशन आर्मी शामिल हैं. इनमें सबसे अधिक एक्टिव सिख फॉर जस्टिस है. इसका हेडक्वार्टर यूएस में है. संगठन का मुखी गुरपतवंत सिंह पन्नू है, जिस पर UAPA के तहत केस भी दर्ज है.
93 साल पुरानी है खालिस्तान की मांग
1929 में मास्टर तारा सिंह ने पंजाब को अलग कर खालिस्तान देश बनाने की मांग की थी. इसको लेकर कई आंदोलन भी हुए. आजादी के बाद पंजाब 2 प्रांत में बंट गया. भारत में खालिस्तान को लेकर 1980 के दशक में हिंसा तेज हुई. जरनैल सिंह भिंडरावाले ने खुले तौर पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. हालांकि, बाद में ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत सेना ने उसकी हत्या कर दी. इसके बाद सालों तक पंजाब में खालिस्तान आंदोलन शांत रहा.
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