भोपाल। भोपाल देहात क्षेत्र के बैरसिया थाने की पुलिस एक बार फिर दागदार हुई है। अब आरोप है कि वसूली के लिए एक युवक को को दो प्रकरणों में फंसाया गया। एक मामले में उससे पचास हजार रुपए की वसूली भी की गई। अधिक रकम देने का दबाव बनाने पुलिस आए दिन उसके घर पहुंचकर दबाव बनाती थी। बात नहीं मानने पर लड़के को घंटो थाने में बैठाया जाता था। उसके साथ जानवरों सा सलूक किया जाता और बेरहमी से मारपीट की जाती। जिससे तंग युवक ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। मामले की शिकायत पीडि़त पक्ष की ओर से सीएम हैल्प लाइन में की गई है। वहीं पुलिस ने तमाम आरोपों को निराधार बताया है। जानकारी के अनुसार आकाश यादव 22 वर्ष बैरसिया थाने के पीछे स्थित महूआखेड़ा झुग्गी बस्ती में रहता है। वह मजदूरी करता है, पूर्व में एक हादसे में उसके दोनों हाथ टूट चुके हैं, तब से मवेशी बेचने का काम कर रहा है। करीब एक महीने पहले उसके खिलाफ मोहल्ले के युवक ने मारपीट और गालीग्लोच सहित एससीएसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले में उसकी गिरफ्तारी होना थी। आकाश की बहन पूजा यादव ने बताया कि इस प्रकरण के बाद एसआई दिलीप जयसवाल आए दिन उनके भाई को थाने बुलाते। भाई को दस हजार रुपए लेकर थाने आने की बात कही जाती थी। रकम के बिना थाने जाने पर उसके साथ मारपीट की जाती, घंटो थाने के लॉकअप में बैठाकर प्रताडि़त किया जाता और अगली बार रकम लेकर ही थाने में घुसने की बात कहकर छोड़ दिया जाता। पूजा का आरोप है कि उसके भाई पर पूर्व में भी एक अपराध दर्ज है। उस समय पुलिस ने आकाश को गिरफ्तार कर बेरहमी से पीटा था। आकाश पर मारपीट के आरोप थे, जबकि उस दौरान आकाश के दोनों हाथ एक हादसे में टूटे हुए थे। उसके द्वारा मारपीट करना किसी हाल संभव नहीं था। बरहाल पुलिस ने उस प्रकरण में पचास हजार रुपए की रिश्वत लेकर आकाश को छोड़ा था। अब एक बार फिर से उसे थाने बुलाया जा रहा था। जिससे आकाश घबराया हुआ था। एसआई दिलीप जायसवाल ने गिरफ्तारी की बात को लेकर घर आकर उसकी मां के साथ भी बदसलूकी की थी।
चार अपराधों में मुल्जिम है आकाश
मामले में एसआई दिलीप जयसवाल का कहना है कि आकाश के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के चार मामले दर्ज हैं। हाल ही में दर्ज हुए एक मामले में उसकी गिरफ्तारी के लिए उसके घर जाते थे। उनके उपर लगे तमाम आरोप निराधार हैं। घर में पुलिस टीम पहुंचते ही आकाश चकमा देकर फरार हो जाता है।
विवादित है बैरसिया थाना
बैरसिया थाने पिछले दो सालों में लगातार विवादित रहा है। हाल ही में लोकायुक्त की टीम ने यहां के पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व में भी बैरसिया थाना कई बड़े विवादों को लेकर सुर्खियों में रहा है।
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