भोपाल। राजधानी के एक प्रायवेट अस्पताल में पांच महीने की मासूम की संदिग्ध हालातों में मौत के बाद पुलिस द्वारा अस्पताल प्रबंधन के कहने पर पीडि़त परिवार पर दबाव बनाने और मौत की सौदेबाजी कराने का गंभीर मामला सामने आया है। दरअसल विदिशा के रहने वाले एक गरीब परिवार की पांच महीने की मासूम को पेट में तकलीफ थी। उसे भोपाल के शाहजहांनाबाद थाना क्षेत्र स्थित तीन मोहरों के पास बने बालाजी अस्पताल में गुरुवार को भर्ती कराया गया। अस्पताल में मासूम का कब ऑपरेशन हुआ, कब बच्ची की मौत हुई परिजनों को सूचना तक नहीं दी गई।
किरार बोले देखते ही पहचान लूंगा पुलिसवालों को
किरार का कहना है कि वह पुलिसकर्मियों को नहीं जानते, सामने आने पर पहचान जाएंगे। एक पुलिसकर्मी उन्हें अपना नंबर भी देकर गया है, जिसने उन्हें पैसों की पेशकश की थी। उन्हें साइड में ले जाने वाले एक पुलिसकर्मी के एक स्टार था, साथी पुलिसवाले द्वारा उन्हें कुमार साहब कहते उन्होंने सुना था।
पहले धमकाया, फिर बोले ले दे के खत्म करो मामला
जब किरार ने विरोध किया तो दो पुलिसवाले उन्हें साइड में ले गए। पहले उन्हें धमकाया गया। किरार कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे तो उनसे कहा गया कि अस्पताल का कुछ होना नहीं है, ले दे के मामले को खत्म कर दो। इसके बाद भी किरार नहीं माने और शाहजहांनाबाद थाना पुलिस को जीरो पर मर्ग कायम करना पड़ा। बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के बाद में परिजनों के हवाले किया गया। जिसके बाद में विदिशा में शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
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